1. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को मान्यता दी, केवल BTC डिप्लोमा धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा स्तर-1 के लिए पात्र माना।

2. यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला देशभर के बीएड उम्मीदवारों पर प्रभाव डालेगा, जिसमें स्तर-1 शिक्षक भर्ती के लिए केवल BTC डिप्लोमा धारकों को पात्र ठहराया गया है।

3. जस्टिस संजय किशन कौल द्वारा नेतृत्वित बेंच ने दोनों पक्षों की तरफ से तर्क सुने और राजस्थान सरकार की अधिसूचना को मान्य ठहराया।

4. राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को जिसमें कक्षा 1 से 5 तक के लिए बीएड डिग्री धारकों को पात्र माना गया था, वह सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है।

5. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बीटीसी और बीएड उम्मीदवारों दोनों पर प्रभाव डालता है, जिसमें BTC उम्मीदवारों के लिए राहत मिलती है लेकिन बीएड उम्मीदवारों के लिए एक प्रतिसाद प्रदान करता है।

6. एनसीटीई की 2018 की अधिसूचना में पहले बीएड डिग्री धारकों को रीट स्तर-1 के लिए पात्र मानने की अनुमति थी; इसने प्रदर्शन और कानूनी चुनौतियों की ओर ले जाया।

7. हाई कोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना को चुनौती दी, जबकि बीएड उम्मीदवारों ने रीट स्तर-1 में शामिल होने के लिए अपील की। हाई कोर्ट ने अपने निष्कर्ष में बीएड उम्मीदवारों को बाहर किया था।

8. एनसीटीई और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बीएड उम्मीदवारों को रीट स्तर-1 से बाहर करने के खिलाफ अपील की।

9. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अब रीट स्तर-1 शिक्षक भर्ती के लिए केवल BTC डिप्लोमा धारकों को ही पात्र माना गया है, जो राजस्थान और उसके पार तक प्रभावित करेगा।

10. यह फैसला बीएड और BTC उम्मीदवारों के बीच संघर्ष को समाधान करता है, शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता मानदंडों को तय करने का राज्य का अधिकार समर्थित करता है।