छत्तीसगढ़ राज्य अपनी धार्मिक संस्थानों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रमुख जिलों में विभिन्न धर्मों के संस्थान और पर्व आयोजित किए जाते हैं, जो स्थानीय और परंपरागत रूप से मनाए जाते हैं।

महाकोशल दिवस: यह पर्व छत्तीसगढ़ राज्य के महाकोशल क्षेत्र के धार्मिक संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिवस अधिकतर धार्मिक संस्थानों में गुरु पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जिसमें लोग धार्मिक अनुष्ठान, प्रार्थना, और संगति का आनंद लेते हैं।

 दुर्गा पूजा: दुर्गा पूजा छत्तीसगढ़ के धार्मिक पर्वों में से एक है, जो नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है। यह पर्व देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है और जिलों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

 हरिहरा ब्रिजोली मेला: यह पर्व छत्तीसगढ़ के धार्मिक संस्थानों के बीच आयोजित होता है और धार्मिक आयोजनों का एक महत्वपूर्ण स्थल है। इस मेले में भक्त और परंपरागत शृंगार के साथ संस्कृति का आनंद लेते हैं।

 गोंड जनजाति के पर्व: छत्तीसगढ़ राज्य में गोंड जनजाति के अनेक पर्व आयोजित होते हैं, जो उनकी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं। यहां गोंडी लोग खुद अपने पर्वों में भाग लेते हैं और अपनी धरोहरिक विरासत का गर्व से समर्थन करते हैं।

ये पर्व छत्तीसगढ़ राज्य की समृद्ध संस्कृति और भाषा को दर्शाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और स्थानीय लोगों के लिए एक विशेष अनुभव प्रदान करते हैं।