नौसेना 65000 तन वाले न्यूक्लियर ऑपरेटर जहाज चाहती थी लेकिन कम बजट के कारण 30000 से ज्यादा या क्राफ्ट ले जाने वाले जहाज ही पर ही मजबूर कर दिया।