यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) एक संविधानिक मुद्दा है जो विभिन्न धार्मिक समुदायों के लोगों के लिए एक सामान नागरिक संहिता और कानूनी प्रणाली को निर्धारित करने का प्रयास है।
इसका मकसद है समानांतर और समानाधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करना, विभिन्न सामाजिक समुदायों के बीच असमानताओं को दूर करना और न्यायपूर्ण न्याय प्रणाली को सुनिश्चित करना है।
यूसीसी का निर्माण सरकारी नीतियों, न्यायिक निर्णयों, और समाजिक चर्चाओं का परिणाम है। इसका लक्ष्य विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और समुदायों के लोगों के लिए एक मानवीय अधिकारों और कर्तव्यों का आधार स्थापित करना है।
यूसीसी के माध्यम से, विवाह, तलाक, वारसत, संपत्ति और नागरिकता जैसे महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों पर एक सामान संहिता बनाई जाएगी। इसके अलावा, यह विभिन्न धार्मिक संप्रदायों की विशेषताओं को समझते हुए एक माध्यमिक समाधान प्रदान करेगा।
यूसीसी के माध्यम से सामरिक सामग्री, वर्ग-आधारित व्यवसाय, और धार्मिक विशेषताओं से प्रभावित न्यायिक प्रक्रियाओं पर भी प्रभाव डाला जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी नागरिकों को समान रूप से न्याय मिले और कोई भी असमानता न हो।
2023 में यूसीसी के नए संस्करण के लागू होने के बाद, नागरिकों को एक सामान नागरिक संहिता का लाभ मिलेगा जो सभी को न्याय, स्वतंत्रता और समानता की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
यूसीसी के बारे में विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विचारधाराओं के बीच विचार-विमर्श जारी है। इसे लेकर अलग-अलग समुदायों में मतभेद हो रहे हैं, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय समाज को आगे बढ़ाने और समानता को सुनिश्चित करने की दिशा में है।
यूसीसी का लागू होने से पहले, संविधान के संबंधित अनुच्छेदों का संशोधन किया जाएगा और संविधानिक प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही, जनता को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि वे इसकी महत्वपूर्णता और लाभों को समझ सकें।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) 2023 में निर्मित किया जा रहा है ताकि सभी नागरिकों को सामान अवसर मिलें और वे अपने धार्मिक और सामाजिक अधिकारों का पूरा उपयोग कर सकें।
इसका लक्ष्य एक समृद्ध, समान और विकासशील भारत की नींव रखना है।