वायवीय और अवायवीय श्वसन  किसे कहते हैं?

Spread the love

वायवीय और अवायवीय श्वसन के उदाहरण वायवीय किसे कहते हैं
वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानता और अंतर बताइए वायवीय और अवायवीय श्वसन में तीन अंतर लिखिए।
वायवीय और अवायवीय श्वसन में अंतर स्पष्ट कीजिए तीन अवायवीय जीवों के नाम अवायवीय श्वसन किसमें होता है वायवीय श्वसन किसे कहते हैं in English वायवीय और अवायवीय श्वसन kya hai

वायवीय और अवायवीय श्वसन किसे कहते हैं?

वायवीय और अवायवीय श्वसन दो अलग-अलग प्रकार के श्वसन प्रक्रिया होती हैं:

 

वायवीय श्वसन: वायवीय श्वसन वह श्वसन प्रक्रिया है जिसमें ऑक्सीजन को हमारे श्वास नलिकाओं द्वारा इनहेल किया जाता है और ऑक्सीजन के साथ निकलते समय अंदर मौजूद कार्बन डाईऑक्साइड को बाहर किया जाता है। यह श्वसन तत्कालीन श्वसन होता है जो हमें लंबे समय तक साँस रखने में मदद करता है।

अवायवीय श्वसन: अवायवीय श्वसन वह श्वसन प्रक्रिया है जिसमें श्वसन में हमारे संरचना जैसे फेफड़े और श्वास नलिकाएं संलग्न होती हैं। इस प्रक्रिया में फेफड़ों में ऑक्सीजन विशेष रूप से रक्त के द्वारा लाए गए ऑक्सीजन को संशोधित किया जाता है, और कार्बन डाईऑक्साइड को भी रक्त के माध्यम से देह से हटाया जाता है। यह श्वसन धीरे-धीरे और स्थिर ढंग से होता है और श्वस्त्रवर्ती श्वसन के रूप में जाना जाता है।

इन दोनों प्रकार के श्वसन के माध्यम से ऑक्सीजन को शरीर में लाकर खून में जोड़ दिया जाता है, जिससे हमारे शरीर के ऊतकों और सेल्स को ऑक्सीजन का सही मात्रा मिलता है और साथ ही कार्बन डाईऑक्साइड को निकालने के लिए शरीर से बाहर भेजा जाता है। यह प्रक्रिया हमारे शरीर के लिए जीवननीय महत्वपूर्ण है क्योंकि शरीर को सही ऑक्सीजन स्तर और कार्बन डाईऑक्साइड स्तर की आवश्यकता होती है।

वायवीय और अवायवीय श्वसन के उदाहरण

वायवीय और अवायवीय श्वसन के उदाहरण निम्नलिखित हैं:

वायवीय श्वसन के उदाहरण:

जब हम दौड़ रहे होते हैं और शारीर को ज्यादा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, तो हम तेजी से और गहरी सांस लेते हैं। यह वायवीय श्वसन का उदाहरण है, जिसमें हम तत्कालीन श्वसन करते हैं जो जल्दी और ज्यादा ऑक्सीजन लेने में मदद करता है।

वियायाम या योग करते समय भी हम अपने श्वसन दर को बढ़ाते हैं, जिससे हमारे शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन आता है और श्वसन तत्कालीन और गतिशील होते हैं।

अवायवीय श्वसन के उदाहरण:

नींद में हमारा श्वसन स्थिर और धीरे-धीरे होता है, जो अवायवीय श्वसन का उदाहरण है। यह श्वसन धीरे-धीरे होता है और श्वस्त्रवर्ती श्वसन के रूप में जाना जाता है।

गहरी मेदितेशन करते समय, जब हम शांत और ध्यानित रहते हैं, तब हमारा श्वसन भी बहुत सावधानी से होता है और श्वस्त्रवर्ती श्वसन की प्रक्रिया होती है।

यह उदाहरण दिखाते हैं कि वायवीय श्वसन तत्कालीन और गतिशील होता है जबकि अवायवीय श्वसन धीरे-धीरे और स्थिर होता है और श्वस्त्रवर्ती श्वसन की प्रक्रिया होती है।

वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानता और अंतर बताइए

वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानता और अंतर निम्नलिखित हैं:

समानता:

दोनों ही प्रकार के श्वसन में हमारे शरीर को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और कार्बन डाइऑक्साइड को निकालने की जरूरत होती है।
दोनों ही प्रकार के श्वसन में हमारे श्वसन नलिकाएं (श्वास रेस्त्रिक्तर) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं जो श्वसन को नियंत्रित करती हैं।

अंतर:

वायवीय श्वसन में श्वसन तत्कालीन, जल्दी और गतिशील होता है, जबकि अवायवीय श्वसन में श्वसन धीरे-धीरे और स्थिर होता है और श्वस्त्रवर्ती श्वसन की प्रक्रिया होती है।

वायवीय श्वसन तत्कालीन होता है और जब हम ज्यादा शारीरिक या मानसिक क्रियाएं करते हैं तो हम इसका उपयोग करते हैं। विपरीत, अवायवीय श्वसन धीरे-धीरे होता है और हम शांत और ध्यानित रहते हैं तो हम इसका उपयोग करते हैं।

वायवीय श्वसन का उदाहरण जब हम दौड़ रहे होते हैं, वियायाम कर रहे होते हैं या ज्यादा प्रायायाम कर रहे होते हैं। विपरीत, अवायवीय श्वसन का उदाहरण जब हम गहरी मेदितेशन करते हैं और ध्यान में रहते हैं।

इस प्रकार, वायवीय और अवायवीय श्वसन दोनों ही जीवन समर्थक प्रक्रियाएं हैं जो हमें ऑक्सीजन की पर्याप्तता और कार्बन डाइऑक्साइड के निकालने के लिए संचालित करती हैं। ये दोनों ही प्रकार के श्वसन हमारे शरीर के स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका

तीन अवायवीय जीवों के नाम

तीन अवायवीय जीवों के नाम निम्नलिखित हैं:

वनस्पति (पौधे): वनस्पति जीवों को वायु, पानी और पोषक तत्वों के लिए निर्भर करना नहीं पड़ता है क्योंकि ये अपनी आवश्यकताएं खुद पूरी कर सकते हैं। ये भूमि को फिकर किए बिना स्वतंत्र रूप से जीवन चला सकते हैं।

जीवनी धारी (पशु): जीवनी धारी जीवों को अपनी पोषण और ऊर्जा के लिए बाह्य स्रोतों की आवश्यकता होती है। ये अपने आस-पास के पर्यावरण से आहार खोजकर और खाने पर निर्भर करते हैं।

अवैशिष्टी धारी (अनुपस्थिति धारी): अवैशिष्टी धारी जीवों को अपनी पूरी तरह से आभूषण, पोषण और ऊर्जा के लिए बाह्य स्रोतों की जरूरत नहीं होती है। ये अपने पूरे जीवन के लिए अपनी ऊर्जा को स्वतंत्र रूप से प्राप्त कर सकते हैं।

इस प्रकार, वनस्पति, जीवनी धारी और अवैशिष्टी धारी तीनों अवायवीय जीवों के उदाहरण हैं, जो अपने आभूषण, पोषण और ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए अलग-अलग तरीकों का उपयोग करते हैं।

अवायवीय श्वसन किसमें होता है?

अवायवीय श्वसन उन जीवों में होता है जो अपने पूरे जीवन के लिए अपनी पूरी तरह से आभूषण, पोषण और ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए बाह्य स्रोतों की जरूरत नहीं होती हैं। ये जीव अपने आस-पास के पर्यावरण से आवश्यक आहार, पानी और ऑक्सीजन को निकालकर अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं।

इसलिए, ये जीव आपने पूरे जीवन के लिए स्वतंत्र रूप से जीवन चला सकते हैं और बाह्य स्रोतों की जरूरत नहीं होती है। वनस्पति और अवैशिष्टी धारी जीवों में अवायवीय श्वसन की प्रक्रिया होती है।

वायवीय और अवायवीय श्वसन के उदाहरण वायवीय किसे कहते हैं
वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानता और अंतर बताइए वायवीय और अवायवीय श्वसन में तीन अंतर लिखिए।
वायवीय और अवायवीय श्वसन में अंतर स्पष्ट कीजिए तीन अवायवीय जीवों के नाम अवायवीय श्वसन किसमें होता है वायवीय श्वसन किसे कहते हैं in English वायवीय और अवायवीय श्वसन kya hai

Spread the love

Leave a Comment