Block chain kya hai? और Blockchain कैसे काम कर्ता हैं?

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Block chain kya hai hindi ब्लॉकचेन (Blockchain) एक ऐसी तकनीक है जो डिजिटल जनरेटेड डेटा रिकॉर्ड्स को सुरक्षित तरीके से संग्रहीत करती है। इसका मुख्य उद्देश्य डेटा की सत्यता, अविश्वसनीयता, और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह टेक्नोलॉजी ब्लॉक्स (अलग-अलग डेटा रिकॉर्ड्स) के एक लगातार बढ़ते हुए शृंगार को उपयोग करती है, जिससे डेटा को पहचाना जा सकता है और उसे बदला नहीं जा सकता है।

इसका नाम “ब्लॉकचेन” उसके ढाल-ढाल के ब्लॉक्स और उन्हें एक-दूसरे से जोड़ने वाले शृंगार की वजह से पड़ा है। हर ब्लॉक का एक समयस्तंभ होता है, जो उस ब्लॉक के डेटा के रिकॉर्ड को समय के साथ जोड़ता रहता है। यह ब्लॉक्स एक जूड़े हुए शृंगार में संगठित होते हैं जो एक साथ इकट्ठे होकर एक सुरक्षित शृंगार (ब्लॉकचेन) बनाते हैं।

ब्लॉकचेन को अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (वैश्विक मुद्रा जैसे बिटकॉइन) के लिए एक सुरक्षित लेजर के रूप में उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसके अन्य अनुप्रयोग भी हैं जैसे डिजिटल संबंधों, रोजगार, सरकारी सेवाएं, और विभिन्न संगठनों के लिए डेटा और लेन-देन को सुरक्षित करना।

Blockchain का इतिहास क्या है?

ब्लॉकचेन का इतिहास बहुत रोचक है और इसकी उत्पत्ति विभिन्न घटनाओं और तकनीकी विकासों के संयोग से हुई है। यहां ब्लॉकचेन के मुख्य मील के कुछ चरणों का वर्णन है:

पहला चरण (1991-2008): ब्लॉकचेन की नींव तकनीकी सफलता से पहले ही रखी गई थी। 1991 में टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का निर्माण किया, जो इंटरनेट पर सूचना को साझा करने का आधार बना।

बिटकॉइन और सतोशी नकमोतो (2008-2009): ब्लॉकचेन का सबसे चर्चित उपयोग बिटकॉइन के विकास से हुआ। 2008 में एक व्यक्ति या समूह ने सतोशी नकमोतो (Satoshi Nakamoto) नामक अनुमानित व्यक्ति या समूह ने एक व्यावसायिक पत्रिका में बिटकॉइन और ब्लॉकचेन के बारे में विस्तृत विवरण प्रकाशित किया। 2009 में, वे बिटकॉइन के पहले ब्लॉक को “जनेसिस ब्लॉक” के नाम से माइन करते हुए पहले बिटकॉइन लेनदेन को संभव बनाने के लिए एक प्रोटोकॉल प्रस्तुत करते हुए सिद्ध करे।

ब्लॉकचेन के प्रचार और विकास (2010-2014): 2010 में, बिटकॉइन ने उभरते हुए क्रिप्टोकरेंसी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लोग बिटकॉइन के नेटवर्क में सम्मिलित होने लगे और उसे अपने द्वारा संचालित करने के लिए विशेष उत्पादक वेबसाइटें उपलब्ध कराई गईं।

विभिन्न ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स (2014-2016): 2014 में अन्य क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन परियोजनाएं भी उभरीं, जिनमें एथीरियम (Ethereum) सबसे महत्वपूर्ण थी। एथीरियम ने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स (Smart Contracts) को समर्थित करने वाले पहले प्लेटफ़ॉर्म के रूप में एक विशेषता प्रस्तुत किया।

वित्तीय व्यवस्थाओं में ब्लॉकचेन के उपयोग की वृद्धि (2017-2021): 2017 में, ब्लॉकचेन और द्वितीयरूपीकरण के लिए वित्तीय व्यवस्थाओं में उपयोग की गई। ब्लॉकचेन पर आधारित ICOs (Initial Coin Offerings) के जरिए विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी और टोकन जारी किए गए, जिनमें कुछ सफल और कुछ असफल रहे।

इंटरओपरेबिलिटी और एंटरप्राइज ब्लॉकचेन (2019-2021): इंटरओपरेबिलिटी और एंटरप्राइज ब्लॉकचेन के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ। विभिन्न ब्लॉकचेन प्लेटफ़ॉर्म्स का विकास हुआ जिनमें एंटरप्राइज स्तर के ब्लॉकचेन समाधान शामिल हैं, जो संगठनों को ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट और दुनिया भर के साथी संस्थानों के बीच सहज वितरण और सहयोग की सुविधा प्रदान करते हैं।

यह संक्षेप में ब्लॉकचेन के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य थे, और यह टेक्नोलॉजी आज भी विभिन्न क्षेत्रों में विकसित होती रह रही है।

Block chain कैसे काम करता है?

ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर तकनीक है जो डेटा को सुरक्षित और असल्यमान सूचना को संग्रहीत करने के लिए उपयोग की जाती है। यह एक संगठित डेटा बेस का सिस्टम है जिसमें डेटा को विभिन्न ब्लॉक्स (अलग-अलग रिकॉर्ड्स) के रूप में संग्रहीत किया जाता है और ये ब्लॉक्स एक साथ लगातार बढ़ते हैं जिससे एक सुरक्षित शृंगार (ब्लॉकचेन) बनता जाता है।

ब्लॉकचेन का काम करने का प्रक्रिया निम्नलिखित होती है:

नया डेटा रिकॉर्ड: जब भी नया डेटा रिकॉर्ड उत्पन्न होता है, जैसे कि ट्रांजैक्शन (लेन-देन), संदेश, या सूचना, तो यह डेटा एक नए ब्लॉक में रखा जाता है।

ब्लॉक के नियंत्रणक: ब्लॉक के नियंत्रणक (ब्लॉक्स जोड़ने वाला शृंगार) डेटा रिकॉर्ड को सत्यापित करते हैं। वे नए डेटा रिकॉर्ड की वैधता की जांच करते हैं और उसके द्वारा दिए गए डेटा की पहचान तथा सत्यता की जाँच करते हैं। वैधता के लिए, वे पूर्व में उपलब्ध डेटा और नियमों के आधार पर सत्यापित करते हैं।

क्रिप्टोग्राफिक हैश: एक ब्लॉक के नियंत्रणक डेटा को हैश फ़ंक्शन का उपयोग करके एक छोटे डिजिटल छवि या हैश में बदल देते हैं। यह हैश डेटा के साथ जोड़ा जाता है। एक बदले जाने पर भी हैश बदल जाता है और इससे विगत ब्लॉक के साथ भी बदले हुए ब्लॉक्स के हैश बदल जाते हैं, जिससे ब्लॉकचेन की सुरक्षा बढ़ जाती है।

ब्लॉकचेन में जोड़ना: जब नया ब्लॉक तैयार हो जाता है, तो यह पिछले ब्लॉक के हैश के साथ जोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया के द्वारा पूर्व में रखे गए सभी डेटा रिकॉर्ड और इसकी वैधता का सत्यापन होता है। यह सिर्फ एक ही ब्लॉक है जिसे आगे जाने वाले ब्लॉक द्वारा विश्वसनीय ठहराया जाता है।

डिस्ट्रीब्यूटेड नेटवर्क: ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रीब्यूटेड नेटवर्क होता है, जिसमें विभिन्न कंप

Blockchain से क्या-क्या technology बनाया जा सकता है?

ब्लॉकचेन एक विशेष तकनीक है जिसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में कई रूपों में किया जा सकता है। इसके पोटेंशियल को समझते हुए, विभिन्न ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स और टेक्नोलॉजी के विकास में इसका उपयोग किया जा रहा है। नीचे कुछ ऐसे ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स और टेक्नोलॉजी के उदाहरण दिए गए हैं:

क्रिप्टोकरेंसी: सबसे पहले और सबसे प्रसिद्ध उपयोग, ब्लॉकचेन क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) के लिए है। ब्लॉकचेन को एक सुरक्षित और असल्यमान ट्रांजैक्शन नेटवर्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें लेन-देन और पेमेंट्स को संचालित करने के लिए ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है।

स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स: ब्लॉकचेन और एथेरियम (Ethereum) जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स (Smart Contracts) विकसित किए जाते हैं। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स एक स्वचालित और आत्मसंचालित कार्यक्रम होते हैं जो सौदों, लेन-देन, या किसी सौदे को सम्पन्न करते हैं जिसमें शर्तें पूरी होती हैं।

डीसेंट्रलाइज्ड ऐप्स (DApps): ब्लॉकचेन पर डीसेंट्रलाइज्ड ऐप्स विकसित किए जाते हैं जो केंद्रीय सर्वर पर नहीं चलते हैं बल्कि ब्लॉकचेन नेटवर्क पर चलते हैं। ये ऐप्स प्रयोगकर्ता की निजी सुरक्षा और नियंत्रण पर ज्यादा जोर देते हैं और उन्हें विभिन्न कंपनियों, संस्थानों, और सेवाओं के बीच सहज वितरण प्रदान करते हैं।

आईओटी (IoT) के साथ एकीकृत ब्लॉकचेन: आईओटी के क्षेत्र में एकीकृत ब्लॉकचेन के विकास से डेवाइसों को सुरक्षित और संचित करने में मदद मिलती है। यह डेवाइसों के बीच सुरक्षित और भरोसेमंद संचार को सुनिश्चित करता है।

संस्थानिक लेनदेन और सरकारी सेवाएं: विभिन्न संस्थानों और सरकारी संगठनों ने ब्लॉकचेन का उपयोग अपने लेनदेन और सेवाओं को सुरक्षित और निजी बनाने के लिए किया है। इससे डेटा सत्यता और ट्रांसपैरेंसी में सुधार होता है और डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाता है।

ये कुछ मात्र उदाहरण हैं जिनमें ब्लॉकचेन के उपयोग का प्रदर्शन किया गया है, लेकिन ब्लॉकचेन का पोटेंशियल विशाल है और इसे भविष्य में और विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है।

Blockchain से होने वाली नुकसान क्या-क्या है

ब्लॉकचेन एक उपयोगी और उच्च प्रदर्शन तकनीक है, लेकिन इसके उपयोग से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। कुछ मुख्य ब्लॉकचेन से होने वाले नुकसान निम्नलिखित हैं:

स्केलिंग समस्या: वर्तमान में कुछ ब्लॉकचेन प्लेटफ़ॉर्म्स को बड़े मात्रा में ट्रांजैक्शन का सामना करना हो सकता है जिससे इनकी स्केलिंग समस्या हो सकती है। बड़े नेटवर्क पर लेन-देन का समय बढ़ सकता है और इससे ट्रांजैक्शन की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

ऊबड़खबड़: ब्लॉकचेन डेटा को पूरे नेटवर्क पर बांटता है और सभी नोड्स उसे संग्रहीत करते हैं। जिससे ब्लॉकचेन डेटा की आकार बढ़ सकती है और कुछ समय के बाद उसे संग्रहीत करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं हो सकता है।

प्राइवेसी संबंधी मुद्दे: ब्लॉकचेन एक पब्लिक लेजर है जिसमें सभी ट्रांजैक्शन पूर्णतः ट्रांसपैरेंट और दृश्यमान होते हैं। यह किसी भी व्यक्ति या संस्था के लिए गोपनीयता समस्या उत्पन्न कर सकता है, विशेषकर जब व्यक्तिगत या व्यापारिक जानकारी संबंधित हो।

सुरक्षा ध्वंस: ब्लॉकचेन पर संग्रहीत डेटा की सुरक्षा का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। अगर किसी नोड पर हैकिंग या गलत जानकारी के चलते डेटा खराब हो जाए तो यह पूरे नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है।

कानूनी परेशानियां: कुछ देशों और क्षेत्रों में ब्लॉकचेन के उपयोग से उत्पन्न होने वाली कानूनी परेशानियां भी हो सकती हैं। विशेषकर परंपरागत संबंधों, वित्तीय संबंधों, और निजी जानकारी के मामले में इसका प्रभाव देखा जा सकता है।

ये नुकसान ब्लॉकचेन के उपयोग के पीछे कुछ मुख्य कारण हैं, लेकिन उन्हें समझकर और ठीक से प्रबंधित करके, ब्लॉकचेन एक महत्वपूर्ण और उपयोगी तकनीक के रूप में उपयोग किया जा सकता है।


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