Computer kya hota hai? और इसका उपयोग क्या है?- जानिए पूरी जानकारी

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Hello friend नमस्कार उम्मीद करता हूं कि आप अच्छे ही होंगे। आज इस पोस्ट में बात करेंगे कि computer kya hota hai और कंप्यूटर से जुड़े संपूर्ण जानकारी जानेंगे। क्योंकि आज कल हर जगह computer के बिना काम नहीं होता है। तो चलिए जानते है कंप्यूटर क्या होता है?

Computer kya hota hai?

Computer एक electronic device है। जो दिए हुए data को accept करता है।

उसके बाद data को operation करके तुरंत जिस तरह का result चाहते वैसे रिजल्ट देता है। उस data को future में उपयोग करने के लिए स्टोर भी करता है।

यह चार primary operation पर perform करता है:

1.INPUT – इसमें data को computer को देता है।

2.PROCESSING – इसमें data पर operation perform करता है।

3.OUTPUT – इसमें result दिखाता है

4.STORAGE – इसमें data को बाद में use करने के लिए store करता है।

तो दोस्तों अब हम ये जान गए की computer kya hai और computer data पर काम करता है। लेकिन ये नही जाने है की डाटा क्या होता है। तो चलिए इसे भी जान लेते है।

Data:

facts, figures, और statistics से संबंधित object का समूह है। जिसे उपयोगी जानकारी बनाने के लिए processed किया जाता है।

Data को प्रभावी और सफलतापूर्वक दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। Data बीते हुए समय में organisation के उतार – चढ़ाव performance को दिखाता है।

और भविष्य के लिए एक सही निर्णय लेने में सहायक भी होता है। data reports, graphs, statistics बनाने के बहुत ही उपयोगी है।

चलिए इसे एक उदाहरण से समझते है।

उदाहरण: जब students कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए फॉर्म भरता है। उस फॉर्म में स्टूडेंट्स का नेम, एड्रेस, इत्यादि होता है ये सभी एक प्रकार का data है।

जो उसके स्टडी के समय उन स्टूडेंट्स को मैनेज करने में आता है।

तो दोस्तो इस तरह से डाटा का उपयोग किया जाता है।

अब data को तो जान गए अब ये जानते है की इंफॉर्मेशन को जानते है।

INFORMATION:

data को manipulate और processed करके जो रिजल्ट आता है। उसे Informationकहते है। यह बहुत ही meaningful होता है।

इसे निर्णय लेने में उपयोग किया जाता है। data को प्रोसेसिंग में इनपुट के लिए यूज किया जाता है और इंफॉर्मेशन को प्रोसेसिंग के आउटपुट के लिए उपयोग होता है।

चलिए इसे भी एक example से समझते हैं।

उदाहरण: censu से collected data को अलग-अलग प्रकार के जानकारी जनरेट के लिए उपयोग किया जाता है।

सरकार देश में literacy rate को निर्धारित करने के लिए उपयोग कर सकता है। और इसे सरकार लिटरेसी रेट को सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण decision में इंफॉर्मेशन को यूज कर सकता है।

तो अब data और information को तो समझ गए। अब कंप्यूटर के विशेषताएं को अच्छे से समझ लेते हैं।

कंप्यूटर की जनरेशन

कंप्यूटर की पीढ़ियों को मुख्य रूप से पांच भागों में बांटा गया है।

First generation

Second generation

Third generation

Fourth generation

Fifth generation

हर पीढ़ी के कंप्यूटरों को उनके द्वारा उपयोग में ली जाने वाली तकनीक के आधार पर परिभाषित किया गया है।

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी: सन 1946 से 1959 तक

कंप्यूटर का पहला पीरियड 1940 से 1959 तक था। इन शुरुआती कंप्यूटरों में vacuum tube का इस्तेमाल किया जाता था। जिसका रिजल्ट यह होता था।

कि वह बहुत भारी होता था और उनकी साइज 1 कमरों की जितनी होती थी जाने कि उस समय की एक कंप्यूटर एक कमरे में समा जाता था की इतना बड़ा होता था।

इसका मटेरियल बहुत ज्यादा गर्मी उत्पन्न करता था। उसके लिए बहुत ज्यादा बिजली की आवश्यकता पड़ती थी।

इसलिए उनके ब्रेकडाउन का कारण बन गया। इस पहली पीढ़ी के कंप्यूटर मशीन लैंग्वेज पर भरोसा करते थे। जोकि बहुत बेसिक लेवल के language होते हैं।

जिसे कंप्यूटर के द्वारा समझा जा सकता है। यह कंप्यूटर एक समय में एक ही समस्या को हल करने क्षमता रखते थे।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर निम्नलिखित है:

ENIAC

EDVAC

UNIVAC

IBM-701

IBM-650

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी की विशेषताएं:

वेक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजिकल

अविश्वसनीय

मशीन भाषा

बहुत कीमती

बहुत गर्मी उत्पन्न होती थी

स्लो इनपुट आउटपुट

विशाल आकार

AC की आवश्यकता

गैर-पोर्टेबल

बहुत अच्छी बिजली खपत

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी: 1959 से 1965 तक :

इस जनरेशन में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था। जो बहुत ही सस्ते होते थे। और कम पावर का इस्तेमाल करते थे। उनके size काफी compact थी। वेक्यूम ट्यूब की पहेली मशीन के तुलना में यह ज्यादा भरोसेमंद और तेज थे।

इस पीढ़ी के कंप्यूटर के प्राइमरी मेमोरी के लिए मैग्नेटिक कोर और मैग्नेटिक डिस्क, मैग्नेटिक टेप को सेकेंडरी स्टोरेज के रूप में इस्तेमाल किया गया था इस पीढ़ी में forten, असेंबली लैंग्वेज और हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया था।

कंप्यूटर में बेस्ट प्रोसेसिंग और मल्टी operating system का इस्तेमाल किया गया था।।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर निम्न है:

IBM 1620

IBM 7094

CDC 1604

CDC 3600

UNIVAC 1108

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की विशेषताएं निम्न है:

Transistor का इस्तेमाल करता था

विश्वास नहीं होता था

छोटा कार का होता था

बहुत ही कम गर्मी उत्पन्न करता था

बहुत ही कम बिजली की खपत होती थी

बहुत ही तेज होते थे

बहुत महंगे होते थे

ठंडा करने के लिए ऐसी की जरूरत होती थी

मशीन और असेंबली भाषा का प्रयोग होता था

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी है: 1965 से 1971 तक

कंप्यूटर के तीसरी पीढ़ी का पीरियड 1965 से 1971 तक था। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के जगह IC यानी कि Integrated circuit का उपयोग किया था।

इस invention ने कंप्यूटर के आकार को छोटे और कौशल कंप्यूटर बनाया। इस पीढ़ी में रिमोट प्रोसेसिंग टाइम शेयरिंग और मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था।

इस जेनरेशन के दौरान हाई लेवल लैंग्वेज जैसे Fortran 2nd से 4th तक, cobol, pascal basic, algol 68 का इस्तेमाल किया गया था। यह पहला कंप्यूटर थे जहां user माउस और कीबोर्ड का इस्तेमाल करते थे।

इसने मशीनें को सेंट्रल प्रोग्राम को यूज करते हुए एक साथ कई एप्लीकेशन को इस्तेमाल करने के लिए capable बनाया।

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी की विशेषताएं:

IC का इस्तेमाल किया गया।

अधिक विश्वसनीय बन गया।

कम गर्मी उत्पन्न करने लगा।

छोटे आकार का हो गया।

और फास्ट चलने लगा।

मेंटेनेंस की जरूरत कम हो गई।

इसकी कीमत बढ़ गई।

बहुत ही कम बिजली के यूज होने लगा।

हाई लेवल लैंग्वेज को सपोर्ट करने लगा।

इसी की जरूरत पड़ने लगा।

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी: 1971 से 1980 तक

4th जनरेशन के कंप्यूटर की पीरियड 1971 से 1980 तक था। 5th जनरेशन के कंप्यूटर में VLSL यानी की very large scale Integrated का इस्तेमाल किया गया।

VLSl circuit सर्किट में लगभग 5000 transistor और दूसरे सर्किट elements एक ही chip में लगाए गए इसी कारण चौथी पीढ़ी में माइक्रो कंप्यूटर बनाना पॉसिबल हुआ।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा भरोसेमंद compact और सस्ते थे इसका नतीजा यह हुआ कि पर्सनल कंप्यूटर यानी पीसी की क्रांति को जन्म दिया। इस जनरेशन में टाइम शेयरिंग रियल टाइम नेटवर्क डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया।

इस जनरेशन में सभी हाई लेवल लैंग्वेज c, c++ इत्यादि का इस्तेमाल किया। IBM ने पहली बार घरेलू उपयोग के लिए कंप्यूटर बनाया और बाद में एप्पल द्वारा Mac short बनाया गया।

microprocessor अब कम साइज और हाई प्रोसेसिंग में बहुत आगे निकल गया था इन छोटे कंप्यूटरों की बढ़ी हुई पावर का यह मतलब है कि उन्हें लिंक किया जा सकता है।

और नेटवर्क बनाकर जा सकते हैं इंटरनेट का जन्म तेजी से होने लगा। इस generation के दौरान GUI की ग्राफिक यूजर इंटरफेस, माउस लैपटॉप कैपेसिटी के साथ हाथ में पकड़ कर ले जाने वाले डिवाइस को बढ़ावा मिला।

कंप्यूटर के चौथी पीढ़ी की विशेषताएं:

VLSI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया।

बहुत सस्ते हो गया।

पोर्टेबल और विश्वसनीय हो गया।

PC का उपयोग।

बहुत छोटी साइज का बन गया।

कोई AC की आवश्यकता नहीं पड़ी।

इंटरनेट की शुरुआत की गई थी।

नेटवर्क के क्षेत्र में डेवलपमेंट होने लगा।

कंप्यूटर आसानी से उपलब्ध हो गया।

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी: 1980 से आज तक

कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी 1980 से आज तक चल रहा है पांचवी पीढ़ी में कंप्यूटर का VLSI , ULSI में पूरी तरह बदल गया।

यह फिफ्थ जनरेशन प्रोसेसिंग हार्डवेयर यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर पर आधारित है। AI computer यह कंप्यूटर विज्ञान की उभरती हुई ब्रांच है।

जो ऐसे कंप्यूटर की खोज कर रहे हैं जो इंसानों की तरह सोच सकते हैं सी सी प्लस जावा जैसे हाई लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल इस जनरेशन में किया जा रहा है।

साइंटिस्ट कंप्यूटर के प्रोसेसिंग पावर को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

पांचवी पीढ़ी की कंप्यूटर की विशेषताएं:

ULSI टेक्नोलॉजी

Artificial intelligence कि विकास

नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग की विकास

एडवांस पैरेलल प्रोसेसिंग

सुपरकंडक्टर टेक्नोलॉजी में प्रगति

मल्टीमीडिया फीचर के साथ

सस्ती दरों पर बहुत पावरफुल

कंप्यूटर का विशेषताएं

तो दोस्तों आज के दिनों में कंप्यूटर हमारे जीवन में रोज उपयोगी है। कंप्यूटर लोगों का जरूरत है।

जैसे टेलिविजन टेलीफोन और other इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस घर पर बहुत ज्यादा प्रयोग किया जाता है। यह मानव समस्या को बहुत जल्दी और accurate हल करता है।

कंप्यूटर का महत्वपूर्ण विशेषताएं नीचे बताएंगे तो चलिए एक – एक कर के जान लेते हैं।

1.( गति)SPEED

कंप्यूटर बहुत ही high speed electronics डिवाइस है। कंप्यूटर को जो डाटा ऑपरेशन करने के लिए दिए जाते हैं। तो उसे कंप्यूटर बहुत ही कम समय में high speed के साथ परिणाम देता है।

कंप्यूटर मिनियंस बिलियन डाटा को एक सेकंड में काम कर देता है। बिलियन डाटा को एक सेकंड में काम कर देता है।

2.शुद्धता(accuracy)

एक कंप्यूटर द्वारा उत्पादित परिणाम पूर्ण रूप से सही होते हैं यदि कंप्यूटर में सही डाटा इनपुट किया गया है।

तो प्राप्त परिणाम एकदम सटीक होगा कंप्यूटर GIGO( Garbage in garbage out) के सिद्धांत पर काम करता है।

3.उच्च संग्रहण क्षमता(High storage capacity)

कंप्यूटर की मेमोरी बहुत ही विशाल होती है। और एक बहुत ही कॉन्पैक्ट ढंग से डाटा को एक बड़ी मात्रा में स्टोर कर सकते हैं।

कोई भी जानकारी या डाटा कंप्यूटर में एक लंबे समय तक के लिए संग्रहित रहता है। इस सुविधा के लिए पुनरावृत्ति से बचा जा सकता है।

4.परिश्रमशीलता(Diligence)

एक मशीन होने के नाते एक कंप्यूटर थकान एकाग्रता की कमी और बोरियत से मुक्त होता है।

कंप्यूटर जिस गति से पहले निर्देश को संसाधित करता है। उसी गति से आखिरी निर्देश को संशोधित करने में सक्षम होता है।

5.विविधता(diversity)

कंप्यूटर अनेक प्रकार के कार्यों को करने में उपयोग किया जाता है। जैसे की हम पत्र लिखने के लिए पत्र तैयार करने के लिए

संगीत सुनने के लिए वस्तु सूची के प्रबंधन बैंकिंग और अन्य प्रकार के कार्य कर सकते हैं।

6.सीमा(Limitation)

कंप्यूटर एक मशीन है और वह स्वयं कुछ नहीं कर सकता कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो कि डाटा को ग्रहण करने की क्षमता रखता है।

और दिए हुए दिशा निर्देश की पालन करते हुए या सिग्नल के रूप में आउटपुट देता है। एक अप्रत्याशित वृद्धि में कंप्यूटर अपने दम पर कोई भी निर्णय नहीं ले सकता है।

निर्देशों के क्रम को कंप्यूटर से नहीं बदला जा सकता कंप्यूटर का आई क्यू नहीं होता है।

कंप्यूटर के प्रकार

1.Micro Computer :

सन 1970 में माइक्रो कंप्यूटर का विकास हुआ था। यह कंप्यूटर आकार में छोटे होते हैं।

और यह कंप्यूटर एक डेक्स पर या ब्रीफकेस में भी रख सकते हैं इन छोटे कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर कहते हैं।

इन कंप्यूटर का उपयोग पर्सनल काम के लिए भी किया जाता है, इसलिए इसे पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है।

2.Mini computer :

Mini computer का आकार माइक्रो कंप्यूटर से बड़ा और मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटा होता है। इस कंप्यूटर में एक से अधिक C.P.U. होते हैं।

मिनी कंप्यूटर की स्पीड मेनफ्रेम कंप्यूटर से कम और माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होती है। इस कंप्यूटर पर एक ही समय पर 1 से ज्यादा लोग काम कर सकते हैं।

मिनी कंप्यूटर का उपयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों में, यातायात में, यात्रियों के आरक्षण के लिए, सरकारी ऑफिस में बैंकों में बैंकिंग कार्यों के लिए किया जाता है।

DEC – Digital Equipment corporation ने 1965 में PDP – 8 यह सबसे पहला मिनी कंप्यूटर तैयार किया था और इस इस कंप्यूटर की कीमत 18000 डॉलर थी और वह एक रेफ्रिजरेटर के साथ था।

3.workstation Computer :

वर्क स्टेशन एक कंप्यूटर है। जो एक stand-alone सिस्टम के रूप में काम करता है। पहले यह एक पर्सनल कंप्यूटर के समान कार्य करते थे।

लेकिन अब उसकी तुलना में अधिक सक्षम और तेज है। इसे यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के यूजर के लिए विकसित किया गया था।

वर्क स्टेशन के कांसेप्ट को मुख्य रूप से छोटे इंजीनियरिंग ग्रैफिक्स डिजाइनिंग और आर्किटेक्चर कंपनियों और संगठन में लागू किया गया था।

जहां फास्ट माइक्रोप्रोसेसर हाई स्पीड वाले ग्राफिक की आवश्यकता होती है।

4.Mainframe Computer :

Mainframe computer की प्रोसेसिंग power मिनी कंप्यूटर से ज्यादा होती है।

और यह कंप्यूटर size में बड़े होते हैं। इन कंप्यूटर में अत्याधिक मात्रा में डाटा को फास्ट स्पीड से प्रोसेस करने की कैपेसिटी अधिक होती है।

इसलिए बड़ी-बड़ी कंपनियों में, बैंकों में सरकारी विभागों में, मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग सेंट्रल कंप्यूटर के रूप में किया जाता है।

5.superComputer :

सुपर कंप्यूटर एक स्पेशल कंप्यूटर है। जो कि general purpose कंप्यूटर की तुलना में बहुत हाई लेवल की कैलकुलेशन या कंप्यूटिंग परफॉर्म कर सकता है।

इस लिए ही सुपरकंप्यूटर उस कंप्यूटर सिस्टम को कहा जाता है। जो कि किसी भी समय में सभी available कंप्यूटर की तुलना में सबसे तेज और पावरफुल होता है।

कंप्यूटर के फायदे(benefits of Computer )

संसार

एक कंप्यूटर और एक इंटरनेट कनेक्शन इन दोनों की मदद से यह दुनिया का सबसे बेहतरीन संचार का माध्यम कहां जाता है।

आप अपने दूर बैठे दोस्त, परिवार वालों से कंप्यूटर पर वीडियो कॉल, चैट, मैसेजिंग ईमेल के माध्यम से आसानी से संपर्क कर सकते हैं।

साथ ही आप दूसरों के द्वारा प्रकाशित किए हुए चीजों को भी देख और सुन सकते हैं।

संसाधन साझा करने में

यह सुविधा बड़ी कंपनियों के लिए बहुत लाभकारी साबित हुई है। बड़ी कंपनियों के बहुत सारे उपयोगकर्ता होते हैं,

ऐसे में उन्हें अपने उपयोगकर्ताओं को अपने उत्पादों से जुड़ी नई जानकारियां को पहुंचाना पड़ता है।

एक साथ करोड़ों उपयोगकर्ताओं को अपना मैसेज पहुंचाना मात्र कंप्यूटर ही एक माध्यम है जिससे यह मुमकिन हो सकता है।

बड़ी कंपनियां ईमेल मार्केटिंग सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर कंपनी पेज या आपने सब्सक्राइबर को कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से कुछ सेकंड में करोड़ों उपयोगकर्ताओं को अपने अपडेट पहुंचाते हैं।

यह एक सस्ता यंत्र है

आज के दिन में कंप्यूटर बहुत सोचते हो चुके हैं आपको अच्छे कंप्यूटर या लैपटॉप 25000 से 30000 रुपए तक ऑनलाइन या कंप्यूटर की दुकानों पर मिल जाएंगे

समय की बचत

कंप्यूटर ने मनुष्य का का 80 परसेंट समय बचा दिया है। चाहे या किसी कंपनी की बात हो बैंक की बात हो किसी फैक्ट्री की बात हो हर जगह कंप्यूटर के आने से समय में बहुत बचत हुई है।

उदाहरण के लिए अगर सोचे कंप्यूटर के आने से पहले लोग बैंकों में अकाउंट से जुड़े सभी कार्य हाथों से किए जाते थे।

जैसे पैसों का हिसाब पासबुक अपडेट सब कुछ हाथों से पर कंप्यूटर के आने के बाद से यह काम एकदम आसान हो चुका है।

घर बैठे पैसे कमा सकते हैं

आज कंप्यूटर बहुत लोगों के लिए घर बैठे कमाई का स्रोत बन चुका है इस दुनिया में जिस किसी व्यक्ति ने भी कंप्यूटर से रचनात्मक कार्य और अविष्कार किए कंप्यूटर ने उसकी दुनिया बदल दी।

कंप्यूटर के नुकसान/हानि( disadvantages of Computer)

समय की बर्बादी

कंप्यूटर के अविष्कार से समय की बहुत बचत हुई है। पर कुछ लोग इसका अनुउत्पादक गतिविधियों को करके अपना मूल्यवान समय बर्बाद करते रहते हैं।

लोग पूरा दिन कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं। और गेम खेलकर वीडियो देखकर यह फालतू की चीजों करके अपना समय बर्बाद करते हैं।

कंप्यूटर को मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करना अच्छी बात है। पर दिन भर बैठे रहना यह सही बात नहीं है। इससे बस समय की बर्बादी हो सकती है और कुछ नहीं।

शारीरिक गतिविधियों में कमी

कंप्यूटर चलाना तो बहुत आसान है। और यह हमारे बहुत सारे कार्य भी आसानी से कर देता है। पर इसका प्रभाव सबसे ज्यादा हमारे शरीर पर पड़ता है।

जैसे जैसे एक व्यक्ति अपना ज्यादातर समय को कंप्यूटर के साउथ बिताता है। बैठे-बैठे सभी कार्य पूरा हो जाने के कारण एक आलस पन आ ही जाता है।

कमर और सर में दर्द

लंबे समय तक बैठकर कंप्यूटर का उपयोग करने से कमर में दर्द होना एक सामान्य कारण है।

कुछ लोग कंप्यूटर ऑपरेट करते समय सीधे ना बढ़ने के कारण गर्दन और सर में बहुत दर्द होता है। लंबे समय के लिए कंप्यूटर चलाने से सर में बहुत दर्द हो सकता है।

ज्यादातर ऑफिस या रेगुलर कंप्यूटर के सामने बैठे वालों के कमर और सिर में दर्द की शिकायत को देखा गया है।

आंखों या दृष्टि में कमजोरी

लगातार कंप्यूटर स्क्रीन की रोशनी देखने के कारण आंखें खराब भी हो सकती है। कंप्यूटर के लगातार इस्तेमाल से आंखें सूख जाती है।

कंप्यूटर के लगातार इस्तेमाल करते समय भी बीच-बीच में थोड़ा ब्रेक ले और कुछ मिनट के लिए आंखें बंद करके आराम करें या आंखों के लिए व्यायाम करें।

जैसे कि किसी दूर की चीज को देखकर फोकस करें।

अनिद्रा और डिप्रेशन

आजकल की युवा कंप्यूटर के सामने बैठकर रात रात भर चैटिंग, गेम्स और अन्य गतिविधि पर लगे रहते हैं।

इसकी वजह से ना सिर्फ अभी अच्छी नींद सोने से दूर होते हैं। बल्कि सही तरीके ना सो पाने के कारण उन्हें कई प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव का भी सामना करना पड़ता है।

कुछ नए रिसर्च जिससे यह सामने आया है। कि 5 घंटे से ज्यादा कम सोने वालों में इनसोम्निया की शिकायत ज्यादा देखा गया है।

आज आपने क्या सीखा है?

तो दोस्तों मैं आपको computer kya hai ?और कंप्यूटर के विशेषता और उनसे जुड़े हुए सभी जानकारी को आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बता दिया हूं।

यदि फिर भी आपको कुछ doubt है। तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

और यदि यह article अच्छा लगा होगा। तो आपने दोस्तों यारों के साथ और दूसरे प्लेटफार्म में शेयर करें। ताकि उनको भी कंप्यूटर के ज्ञान मिल सके।


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