खरीफ फसल किसे कहते हैं? और खरीफ फसलों की जानकारी

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खरीफ फसल का मतलब होता है वो फसल जो गर्मियों में बोई जाती है और बरसात के मौसम में पूरी होती है। भारत में खरीफ ऋतु में बोई जाने वाली फसलों की महत्वपूर्ण श्रेणी है।

जिनमें धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूँगफली, अरहर आदि शामिल हैं। खरीफ फसलें भारतीय कृषि प्रणाली के अच्छूत हिस्से हैं और यहाँ की आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

रवि फसल किसे कहते हैं ?

 

“रवि फसल” एक कृषि शब्द है जिसका अर्थ होता है – वह फसल जो किसानों द्वारा गर्मी के मौसम में बोई जाती है और उसका पूरा विकास गरम मौसम के दौरान होता है। इसमें मुख्य फसलें जैसे कि धान, मक्का, सोयाबीन, अरहर, मूंगफली आदि शामिल हो सकती हैं।
ये फसलें गरमियों में बोई जाती हैं और उनकी पूरी विकास प्रमुख बारिशों के साथ होती है। इसलिए इन्हें ‘रवि फसलें’ कहा जाता है, क्योंकि इन्हें गरमी के मौसम में बोने जाते हैं और उनका विकास बरसाती मौसम के साथ होता है।

रबी की फसल कब बोई जाती है?

रबी की फसल विभिन्न फसलों के आधार पर अलग-अलग महीनों में बोई जाती है। यहाँ पर कुछ मुख्य रबी फसलों के बोने जाने के महीने दिए गए हैं:

  1. गेहूं (Wheat): नवंबर और दिसंबर महीने में बोई जाती है।
  2. बाजरा (Pearl Millet): सितंबर और अक्टूबर महीने में बोई जाती है।
  3. जौ (Barley): अक्टूबर से नवंबर महीने में बोई जाती है।
  4. सरसों (Mustard): सितंबर से अक्टूबर महीने में बोई जाती है।
  5. मटर (Peas): अक्टूबर से नवंबर महीने में बोई जाती है।

यहाँ दिए गए महीने विभिन्न भूखण्डों और जलवायु स्थितियों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए स्थानीय शर्तों के अनुसार बोने जाने वाले महीने में थोस जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है।

जायद फसल किसे कहते हैं ?

 

जायद फसल को वह फसल कहते हैं जो मुख्यत: रबी और खरीफ मौसमों में बोई जाती है और उन्हें मुख्यत: बीजों के रूप में पैदा किया जाता है। ये फसलें ज्यादातर खाद्य और अन्य उपयोगी पदार्थों की उत्पादन के लिए बोई जाती हैं, जैसे कि अनाज, दलहन, मसूर, मूँगफली, गन्ना, आदि।
ये फसलें कृषि मुख्यत: ग्रामीण क्षेत्रों में बोई जाती हैं और उनकी सफलता मुख्यत: मौसम, जलवायु और खेती की विशेषताओं पर निर्भर करती हैं।

खरीफ की फसल 

खरीफ की फसल भारत में गर्मियों के महीनों में बोई और मानसून के समय में पैदा की जाने वाली है। यह फसलें उन स्थानों में उगती हैं जहाँ मानसूनी वर्षा की प्रमुख स्रोत होती है। खरीफ की फसलों का मुख्य उद्देश्य गर्मियों में मिलने वाले पानी की भरपूर मात्रा का उपयोग करके खेती करना होता है।

खरीफ की फसलों में मुख्य रूप से धान, मक्का, जवार, बाजरा, उड़द, मूँगफली, सोयाबीन, अरहर, तिलहनि, गन्ना आदि शामिल होती हैं। यह फसलें प्रमुख खेती के उत्पाद होती हैं और भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण स्रोत साबित होती हैं।

खरीफ की फसलों की खेती में मानवीय हाथों के अलावा जीवों के भी महत्वपूर्ण योगदान होते हैं। किसान बुआई से लेकर पौधों की देखभाल, पानी प्रबंधन, उर्वरकों का प्रयोग, खरपतवार से लड़ाई, और फसल को कटाई तक की देखरेख करते हैं।

खरीफ की फसलें महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि इन्हें मौसमी बदलावों का सामना करना पड़ता है, जैसे की अधिक वर्षा, बारिश की कमी, तापमान की अधिकता आदि। इसके बावजूद, खरीफ की फसलें भारतीय किसानों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहती हैं और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती देती हैं।

खरीफ फसल के नाम

खरीफ फसलें भारतीय कृषि प्रणाली में मानसून के समय बोई जाने वाली फसलें होती हैं। यह फसलें गर्मियों के महीनों में बोई जाती हैं और मानसूनी वर्षा की महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में इनका उत्पादन होता है। निम्नलिखित हैं खरीफ फसलों के कुछ प्रमुख नाम और उनकी व्याख्या:

  1. धान:
    • धान भारत में सबसे महत्वपूर्ण खरीफ फसल मानी जाती है।
    • यह फसल पानी के आदान-प्रदान के लिए उत्तम होती है और बहुत सारे प्रकार के खाद्य उत्पादों में इसका उपयोग होता है।
  2. मक्का:
    • मक्का एक अन्य महत्वपूर्ण खरीफ फसल है जिसका उपयोग खाद्य और पशुओं के चारे के रूप में होता है।
    • यह फसल पूरे देश में व्यापारिक रूप से बोई जाती है और मक्की के पौधों से खाद्यान्न और तेल प्राप्त किया जाता है।
  3. जवार और बाजरा:
    • जवार और बाजरा के दाने खाद्य और पशुओं के चारे के रूप में उपयोग होते हैं।
    • ये फसलें सूखे और कठिन मानसूनी शर्तों में भी अच्छे उत्पादन करती हैं।
  4. मूँगफली:
    • मूँगफली के बीजों से तेल और खाद्य उत्पाद बनाए जाते हैं।
    • यह फसल पोषण से भरपूर होती है और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है।
  5. सोयाबीन:
    • सोयाबीन भी प्रोटीन और तेल का महत्वपूर्ण स्रोत होता है।
    • इसके बीजों से सोयाबीन तेल और खाद्य उत्पाद बनाए जाते हैं जो आहार में उपयोग होते हैं।
  6. अरहर:
    • अरहर फलियां देखने वाली फसल होती है और इन्हें तवा या दाल के रूप में खाया जाता है।
    • यह फसल भारतीय खाद्य सामग्री का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।
  7. तिलहनि:
    • तिलहनि के बीजों से तिल का तेल निष्कर्षित किया जाता है जिसका खाद्य और औषधीय उपयोग होता है।
    • यह फसल स्थलीय क्षेत्रों में बोई जाती है और उसकी खेती छोटे किसानों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण होती है।

खरीफ फसल कब बोई जाती है?

 

खरीफ फसलें भारत में गर्मियों के महीनों में बोई जाती हैं। मानसून के आगमन के समय, जो जून और जुलाई महीनों में होता है, यहाँ के किसान खरीफ फसलों की बोने की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
इस समय पर, मिट्टी भी पर्याप्त नमी से भर जाती है, जिससे बीज अच्छे से उग पाते हैं और फसलों का अच्छा प्रवर्धन होता है। खरीफ फसलों के रूपरेखा में धान, मक्का, जवार, बाजरा, मूँगफली, सोयाबीन, उड़द, अरहर, तिलहनि, गन्ना आदि शामिल होती हैं।

निष्कर्षण: खरीफ फसल किसे कहते हैं?

खरीफ फसलें भारतीय कृषि की धाराओं में से एक हैं, जो गर्मियों के मौसम में बोई जाती हैं और बरसात के मौसम में पूरी होती हैं। यह फसलें भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं, और इनका प्रबंधन और उनकी विशेषताओं को समझना आवश्यक है ताकि हमारी कृषि प्रणाली में सुधार किया जा सके।

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