सापेक्षता: भौतिक विज्ञान में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत।

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special theory of relativity in hindi सापेक्षता का सिद्धांत किसने दिया in English
आइंस्टीन के विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धान्त में, एक पिण्ड की आपेक्षिक गति के लम्बवत अंतरिक्ष अन्तराल :
आइंस्टीन का सिद्धांत क्या है
सापेक्षता का सिद्धांत कब दिया गया
सापेक्षता का अर्थ
आश्रयाश्रित सिद्धान्त के प्रतिपादक कौन थे
सापेक्ष क्षरण सिद्धांत
विशिष्ट से सामान्य का सिद्धांत

सापेक्षता का अर्थ

सापेक्षता का अर्थ होता है “संबंधितता” या “सामंजस्यता”। यह एक विज्ञानिक शब्द है जो भौतिक विज्ञान में उपयोग होता है। सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार, वस्तुओं और दिग्गज तारों के बीच समय और दूरी का मापन वेग युग्मन (Velocity Addition) और दृश्य के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। इसका मतलब है कि समय और दूरी का मापन विचारकों की दृष्टि से बदलता है जब उन्हें गति में बदलाव होता है।

आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत के अनुसार, समय और दूरी की अभिव्यक्ति एक विशिष्ट दृष्टिकोण से होती है, जिससे वे सामंजस्यता में रहते हैं। यह सिद्धांत भौतिक विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में उपयोगी है, जैसे अणुविज्ञान, अध्ययन चक्र, दृश्यशास्त्र, ग्रहण विज्ञान, आदि। सापेक्षता का सिद्धांत भौतिक प्रकृति के मूल तत्वों के विवेचन में महत्वपूर्ण है और विज्ञानियों ने इसे विभिन्न उपयोगों में सफलतापूर्वक लागू किया है।

आइंस्टीन का सिद्धांत क्या है

आइंस्टीन का सिद्धांत भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है और उनका सर्वाधिक प्रसिद्ध सिद्धांत है “सामंजस्य विभाजन” (Theory of Relativity)। इस सिद्धांत के अनुसार, समय और दूरी का मापन संदर्भाधीन होता है और वे देखने वाले के दृष्टिकोण पर निर्भर करते हैं। आइंस्टीन ने दो प्रकार के सामंजस्य विभाजन प्रस्तुत किए:

सदाभिमत सामंजस्य विभाजन (Special Theory of Relativity):
इसमें आइंस्टीन ने सिद्ध किया कि समय और दूरी विचारकों की दृष्टिकोण पर निर्भर करते हैं। जब किसी वस्तु की गति बदलती है, तो उसके समय और दूरी का मापन भी बदलता है। आइंस्टीन ने इस सिद्धांत के अनुसार प्रकाश की गति के साथ समय और दूरी की व्यवस्था की, जिससे चिंतनीय परिणाम निकला। इससे उन्होंने ए=mc^2 (ऊर्जा बराबर मास गुणा प्रकाश की गति का वर्ग) भी प्रस्तुत किया, जिससे भौतिक विज्ञान में क्रांति हुई।

साधारण सामंजस्य विभाजन (General Theory of Relativity):
इस सिद्धांत में, आइंस्टीन ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वस्तुओं और दिग्गज तारों के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण वे आपस में आकर्षित होते हैं। वस्तुओं का आकार और आकृति गुरुत्वाकर्षण को प्रभावित करती हैं, जिससे वे अपने चारों ओर की स्थानीय समय-दूरी बदलते हैं।

आइंस्टीन के ये सिद्धांत भौतिक विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण मिले हैं और इनके अनुसार ही विज्ञानी विचार आज तक चल रहे हैं। उनके सिद्धांतों ने विज्ञानी समझ को बदल दिया और मानव चिंतन में बड़ा परिवर्तन किया।

सापेक्षता का सिद्धांत कब दिया गया

सापेक्षता (Relativity) का सिद्धांत दो अलग-अलग सामयिकताओं में विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया। इसका प्रमुख रूप से विकास आइंस्टीन के द्वारा किया गया था, जो कि 20वीं सदी के प्रारंभ में हुआ था।

सदाभिमत सापेक्षता (Special Relativity):
आइंस्टीन ने अपने “सदाभिमत सापेक्षता” (Special Relativity) के सिद्धांत को 1905 में प्रस्तुत किया था। इस सिद्धांत में वे विशेष रूप से वेग युग्मन (Velocity Addition) और समय-दिलतों के संबंधों पर प्रकाश डालते हैं। साधारण सामंजस्य विभाजन की तुलना में, इसमें गुरुत्वाकर्षण नहीं था। आइंस्टीन ने यह सिद्धांत चिंतनीय परिणामों के साथ संबंधित किया और ब्रह्माण्ड के स्थितियों को समझने में मदद की।

साधारण सापेक्षता (General Relativity):
आइंस्टीन ने अपने “साधारण सापेक्षता” (General Relativity) के सिद्धांत को 1915 में प्रस्तुत किया। इस सिद्धांत में वे गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत पर विचार करते हैं और वस्तुओं और दिग्गज तारों के बीच समय-दूरी के संबंधों को बदलते हुए बताते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार, वस्तुएँ आपस में गुरुत्वाकर्षण के कारण एक-दूसरे के पास आकर्षित होती हैं और इससे वे अपने चारों ओर की समय-दूरी बदलती हैं।

इन दोनों सापेक्षता सिद्धांतों ने भौतिक विज्ञान की दुनिया में क्रांति की और वे आधुनिक विज्ञान के मूल तत्वों में से एक माने जाते हैं।

सापेक्षता का सिद्धांत किसने दिया in English
आइंस्टीन के विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धान्त में, एक पिण्ड की आपेक्षिक गति के लम्बवत अंतरिक्ष अन्तराल :
आइंस्टीन का सिद्धांत क्या है
सापेक्षता का सिद्धांत कब दिया गया
सापेक्षता का अर्थ
आश्रयाश्रित सिद्धान्त के प्रतिपादक कौन थे
सापेक्ष क्षरण सिद्धांत
विशिष्ट से सामान्य का सिद्धांत


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