मानव नेत्र के विभिन्न भागों का वर्णन चित्र सहित

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मानव नेत्र के कार्य
मानव नेत्र का सचित्र वर्णन
मानव नेत्र का वर्णन कीजिए
मानव नेत्र का नामांकित चित्र बनाइए इसके विभिन्न भागों के कार्य भी लिखिए
मानव नेत्र का सचित्र वर्णन class 10
मानव नेत्र PDF
मानव नेत्र की संरचना

मानव नेत्र का वर्णन कीजिए

नेत्र (आंख) मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमें दुनिया को देखने में मदद करता है। नेत्र के विभिन्न भाग निम्नलिखित हैं:

1. स्क्लेरा (Sclera): स्क्लेरा नेत्र का सबसे बाह्य तक़ाज़ा होता है जिसे ‘सफेद पर्दा’ भी कहते हैं। यह नेत्र को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

2. कोन्जंक्टिवा (Conjunctiva): कोन्जंक्टिवा नेत्र के बाहरी तक़ाज़े को ढंकता है और नेत्र और पलकों के बीच बना रहता है।

3. कोरियन (Cornea): कोरियन नेत्र का बाह्यतम तक़ाज़ा होता है जो अभिज्ञात वस्तुओं के प्रकाश को नेत्र के भीतर भेजता है।

4. इरिस (Iris): इरिस नेत्र का भीतरी तक़ाज़ा होता है जिसे ‘रंगबीनी’ भी कहते हैं। यह नेत्र के भीतर रहने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है।

5. पपीला (Pupil): पपीला इरिस के बीच में छोटा गोल दायांश होता है जो प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है।

6. लेंस (Lens): लेंस नेत्र के भीतर होता है जो प्रकाश को भीतरी तक़ाज़े तक पहुंचाता है।

7. रेटिना (Retina): रेटिना नेत्र का सबसे अन्दरी भाग होता है जिसमें प्रकाश के चित्र उत्पन्न होते हैं। यह चित्र नसों के माध्यम से दिमाग को भेजा जाता है जिससे हम वस्तुओं को देख सकते हैं।

8. आंतरिक नेत्रीय नसें (Internal Eye Muscles): नेत्र को बाएं और दाएं, ऊपर और नीचे और आगे-पीछे घुमाने में मदद करने के लिए आंतरिक नेत्रीय नसें होती हैं। इन नसों के सही संयोजन से हम अच्छे से देख सकते हैं।

ये थे मानव नेत्र के प्रमुख भाग जिनका सही संयोजन हमें समय से वेग विवरण और वस्तुओं को देखने में मदद करता है।

मानव नेत्र के कार्य

मानव नेत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जो हमें दुनिया को देखने में मदद करता है। नेत्र के कार्य कुछ निम्नलिखित हैं:

1. दृष्टि (Vision): नेत्र के माध्यम से हम वस्तुओं को देखते हैं और उन्हें समझते हैं। नेत्रीय रेटिना में प्रकाश के चित्र उत्पन्न होते हैं जो दिमाग को भेजकर उसे वस्तुओं को समझने में मदद करते हैं।

2. रंगभेद ज्ञान (Color Perception): नेत्र की मदद से हम रंगों को पहचानते हैं और उन्हें अलग-अलग रंगों में विभाजित करते हैं।

3. दूरी ज्ञान (Depth Perception): नेत्र के माध्यम से हम दूरी को अनुमान लगाते हैं और वस्तुओं की दूरी को अंदाज़ा लगाते हैं। यह हमें वस्तुओं के बीच की दूरी को समझने में मदद करता है।

4. दिन और रात के भेद ज्ञान (Day and Night Vision): नेत्र के द्वारा हम दिन में और रात्रि में भी वस्तुओं को देख सकते हैं। नेत्र के रेटिना में मौजूद शिशु टपके (रॉड्स) दिन में और शंखिका (कोनोस) रात्रि में अधिक सक्रिय होते हैं, जिससे हम दिन में और रात्रि में भी वस्तुओं को देख सकते हैं।

5. आभासी आंख की चमक (Gleaming of the Eyes): नेत्र के माध्यम से हमारी भावनाओं को देखा जा सकता है। कई बार जब हम खुशी या दु:ख महसूस करते हैं, तो हमारी आंखों में चमक आती है, जिससे हमारे भाव और भावनाएं प्रकट होती हैं।

इन सभी कार्यों के द्वारा मानव नेत्र हमें विश्व को अच्छे से समझने और वस्तुओं को देखने में मदद करता है। यह हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना हमारा जीवन असंभव हो जाता।

मानव नेत्र की संरचना

मानव नेत्र की संरचना कुछ इस प्रकार होती है:

1. कोरियना (Cornea): नेत्र की संरचना का पहला भाग कोरियना होता है। यह नेत्र का सबसे बाह्य तक़ाज़ा होता है जो अभिज्ञात वस्तुओं के प्रकाश को नेत्र के भीतर भेजता है।

2. पपीला (Pupil): कोरियना के बीच में एक छोटा गोल दायांश पपीला होता है। यह प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है। जब प्रकाश की मात्रा अधिक होती है तो पपीला छोटा हो जाता है और जब कम होती है तो पपीला बड़ा हो जाता है।

3. इरिस (Iris): पपीला के पीछे इरिस होता है, जिसे ‘रंगबीनी’ भी कहा जाता है। यह नेत्र के भीतरी तक़ाज़ा होता है और आंख की रंगबीनी के रंग के आधार पर इरिस का रंग निर्धारित होता है। इरिस के द्वारा नेत्रीय रंगभेद ज्ञान होता है।

4. लेंस (Lens): इरिस के पीछे लेंस होता है जो प्रकाश को भीतरी तक़ाज़े तक पहुंचाता है। लेंस नेत्रीय दृष्टि (विजन) के लिए जिम्मेदार होता है। यह वस्तुओं के छोटे और बड़े छितरों को देखने की क्षमता प्रदान करता है।

5. रेटिना (Retina): लेंस के पीछे रेटिना होती है जो नेत्र का सबसे अन्दरी भाग होता है। यह नेत्र के प्रकाश को चित्रित करती है और चित्रों को नसों के माध्यम से दिमाग को भेजती है जिससे हम वस्तुओं को देख सकते हैं।

6. आंतरिक नेत्रीय नसें (Internal Eye Muscles): नेत्र को बाएं और दाएं, ऊपर और नीचे और आगे-पीछे घुमाने में मदद करने के लिए आंतरिक नेत्रीय नसें होती हैं। इन नसों के सही संयोजन से हम अच्छे से देख सकते हैं।

ये थीं मानव नेत्र की संरचना, जिसमें विभिन्न भाग एक संयोजन में काम करके हमें समय से वेग विवरण और वस्तुओं को देखने में मदद करते हैं।

FAQs.

1.मनुष्य की आंख कितनी बड़ी होती है?

Ans. आंखों का साइज लगभग 0.4 cubic inch यानी 6.5 cm3 होता है।

2.मनुष्य की आंख कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. मनुष्य की आंख 6 प्रकार के होते हैं?

3.मानव नेत्र के कुल कितने भाग होते हैं?

Ans.  मानव नेत्र के प्रमुख भाग-
1. कॉर्निया या स्वच्छ मंडल, 2. परितारिका (आइरिस), 3. पुतली, 4. लेंस, 5. रेटिना या दृष्टि पटल, 6. प्रकाशिक तंत्रिका।

4.मनुष्य की आंखों में कौन सा लेंस होता है?

Ans. आंखों में क्रिस्टलीय या उत्तल लेंस होते हैं।

5.मनुष्य कितनी दूर तक देख सकता है?

Ans. हम अपनी आंखों से 20 किलोमीटर 12 मील तक की दूरी तक देख सकते हैं।

6.आंख का पानी कितना होता है?

Ans. यह पारदर्शी है और इसमें 98 प्रतिशत पानी, और 2 प्रतिशत सोडियम हाइलूरोनेट और कोलेजन फाइबर होते हैं।

7.आंखें बंद करने पर लोग क्या देखते हैं?

Ans.अतः साधारण तौर पर यदि आँख बंद करने पर आँख के पर्दे पर कोई प्रकाश नहीं पहुँचता तो हमें कोई रंग नहीं यानि काला रंग दिखना चाहिए

8.दुनिया में सबसे बड़ा आंख किसका है?

Ans. कोलोसल स्क्वीड (समुद्रफैनी) नाम से मशहूर इस समुद्री जीव की आंखे दुनिया की सबसे बड़ी आंखों में शामिल हैं. इसकी आंख किसी फुटबाल या बास्केटबाल के आकार की हो सकती है, जिसका वजन 12 किलो तक हो सकता है.

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