भारत देश एक कृषि प्रधान देश है हमारे देश में कृषि को बहुत ही ज्यादा वैल्यू दिया जाता है और सरकार किसानों के लिए हर साल कुछ न कुछ योजना लाती रहती है ताकि किसान भाई लोग नाराज ना हो।
यदि किसान कुछ काम नहीं करेंगे और अनाज नहीं पैदा किया तो पूरे देश भूखा मर जाएगा इसीलिए किसानों को कोई भी तकलीफ ना हो और उन्हें हर चीज की सुविधा प्राप्त हो इसीलिए सरकार नए-नए टेक्नोलॉजी को इंप्लीमेंट करके किसानों की समस्या को सुलझाना चाहती है।
सरकार को पता है कि लगभग सभी लोग देश की व्हाट्सएप को मैसेज भेजने के लिए उपयोग करता है जो कि किसान भाई लोग भी इसमें शामिल है इसीलिए व्हाट्सएप को कृषि जानकारी के साथ जुड़ना चाहती है|
तो इसी कड़ी में सरकार अभी दुनिया में चैट जिफिटी जोकि एआई मॉडल टूल है जोकि ह्यूमन इंटरेक्शन करने के लिए बनाया गया है उसे व्हाट्सएप के साथ जोड़ना चाहती है और जो भी किसान की समस्या रहेगी उसे बोलकर व्हाट्सएप के माध्यम से उन्हें सही जानकारी दिया जाएगा।
क्योंकि इतने बड़े देश के किसान को कृषि के बारे में हर चीज बताना बहुत मुश्किल होता है जिससे उनके फसल को नुकसान हो जाता है यदि किसान चैट सिटी से जानकारी हासिल करेगा तो उन्हें काफी लाभ होगा।
माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला इस AI टूल पर काफी पैसा इन्वेस्ट किया है। इस रिपोर्ट को देखा तो उन्होंने कहा कि भारतीय किसान टेक्नोलॉजी से काफी फायदा होगा।
भारत सरकार के इंटरनेट और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी व्हाट्सएप को चैरिटी के साथ जोड़ने का प्लानिंग कर रही है लेकिन इसमें काफी चैलेंजिंग आएगी।
भारत के आईटी मंत्रालय अभी चटपटी को व्हाट्सएप के साथ परीक्षण कर रही है क्योंकि चैट जेपीटी सिर्फ अंग्रेजी भाषा में काम करती है जो कि भारत देश में अनेक प्रकार की भाषा बोली जाती है और भारत देश के सभी किसान अंग्रेजी भाषा नहीं जानती है जो कि एक चैलेंजिंग समस्या है जिन्हें लोकल भाषा जैसे कि गुजराती मराठी पंजाबी बंगाली इन सभी भाषा मैं इस चैरिटी बोर्ड मॉडल को तैयार करना काफी समय लग सकता है।
गूगल कंपनी जो कि एक सर्च इंजन है और गूगल कंपनी का लगभग 80 से 90 परसेंट का कमाई गूगल अपने विज्ञापन से आती है जो कि पूरी इसके सर्च इंजन पर टिकी हुई है ऐसे में यदि सभी लोग chatgpt को उपयोग करता है तो गूगल सर्च इंजन का क्या होगा गूगल सर्च इंजन खतरा में आ सकता है और इनका बिजनेस मॉडल डूब भी सकता है।