बाइक डीजल से क्यों नहीं चलती?|what happens if diesel is filled in petrol engine

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दोस्तों जब से आप यह सुना है की पेट्रोल इंजन और डीजल इंजन अलग-अलग इंजन होता है। और जब भी आप पेट्रोल टंकी के पास पेट्रोल भरवाने जाते हो तब वहां पर दो नोजल लगी रहती है।

जिसमें का एक पेट्रोल भरवाने के लिए और दूसरा डीजल भरवाने के लिए होता है तो दोस्तों आपके मन में कई बार यह ख्याल आया होगा।

कि यदि बाइक में जो कि एक पेट्रोल इंजन लगा हुआ होता है इसमें डीजल डाल दिया जाए तो क्या होगा? और बाइक डीजल से क्यों नहीं चलती है?

लेकिन दोस्तों आपने कभी भी बाइक इंजन में पेट्रोल नहीं डाली है क्योंकि आपको यह डर लगता था कि कहीं ना मेरा बाइक बिगड़ ना जाए तो दोस्तों आप अपनी गाड़ी पर पेट्रोल इंजन पर डीजल ना डालें यह एक्सपेरिमेंट करने के लिए की बाइक में डीजल डालने से बाइक चलती है? कि नहीं

मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बाइक जो कि अधिकतर बाइक पेट्रोल इंजन है जिसमें पेट्रोल डाले तो क्या होगा? और और डीजल इंजन में पेट्रोल डाले तो क्या होगा? यदि डीजल डालने के बाद यदि गाड़ी बिगड़ जाती है

तो उसके बाद उसे कैसे ठीक करें? इन सभी की जानकारी इस आर्टिकल में आपको दिया जाएगा तो आप इस आर्टिकल को ध्यान से शुरू से लेकर अंत तक पढ़ते रहिए आपके सारे सवाल का जवाब मिल जाएगा।

पेट्रोल इंजन में डीजल डाल दिया जाए तो क्या गाड़ी चलेगी?

दोस्तो सबसे पहले पेट्रोल इंजन कैसे काम करती है? यह जान लेते हैं तो दोस्तों पेट्रोल इंजन के सिलेंडर में हवा और पेट्रोल को मिलाकर vaporized mixture को कंप्रेस किया जाता है।

फिर स्पार्क प्लग के द्वारा चिंगारी देकर सिलेंडर के अंदर दहन होता है फिर उसके बाद पिस्टन कंप्रेस कर के फिर पावर प्रोड्यूस करता है फिर उसके बाद गाड़ी के पहिया घूमना शुरू हो जाता है इस तरह से पेट्रोल इंजन काम करती है।

जबकि डीजल इंजन में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। डीजल इंजन में सिलेंडर के अंदर हवा को भेजा जाता है। जिसे इंजन के पिस्टन के द्वारा कंप्रेस किया जाता है।

फिर उसके बाद फिर इंजेक्टर के बाद डीजल को कंप्रेस हवा पर स्प्रे किया जाता है तब जाकर डीजल इंजन में सिलेंडर में कॉम्बस्शन मतलब दहन होता है। फिर उसके बाद पिस्टन पावर प्रोड्यूस करता है जिससे पहिया घूमती है।

दोस्तों यदि डीजल इंजन में पेट्रोल डाल दिया जाए तो क्या होगा

दोस्तों यदि आप डीजल इंजन में पेट्रोल डाल दिया तो क्या होगा? तो दोस्तों ऐसा यदि आप करते हैं तो डीजल इंजन में जो आंतरिक दहन होती है जिसमें इंधन जलती है वह पूरी तरह से abnormal combustion होगा।

तो दोस्तों abnormal इसलिए होगा क्योंकि पेट्रोल इंधन की वाष्पीकरण ज्यादा होती है जबकि डीजल इंधन की वाष्पीकरण कम होती है। इसलिए पेट्रोल इंजन जल्दी वाष्पीकरण हो जाएगी।

डीजल इंजन का कंप्रेशन ratio ज्यादा होती है उसमें उसमें यदि डीजल इंजन में पेट्रोल डाल देते हैं तो उस समय पेट्रोल और हवा कि मिक्सर अच्छे से कंप्रेस कंप्रेस नहीं होगा मतलब उस समय पिस्टन सिलेंडर के top dead center तक नहीं पहुंचेगी और शुरू में ही थोड़ा से कंप्रेस होकर सिलेंडर के अंदर दहन हो जाएगी।

उसके बाद पिस्टन को नीचे bottom dead center की ओर ढकेलेगी। जो कि सिलेंडर के पिस्टन ऊपर की ओर move करना चाहेगी लेकिन कर नहीं पाएगा जिससे crankshaft घूम नहीं पाएगा। और साथ ही piston, connecting rod, crankshaft इन सभी पार्ट्स को डैमेज पहुंचेगी।

और यदि पेट्रोल इंजन में डीजल डाल दिया जाए तो क्या होगा?

दोस्तों यदि आप पेट्रोल इंजन में डीजल डाल देते हैं तो क्या होगा? तो दोस्तों पेट्रोल इंजन के कार्बोरेटर में सबसे पहले हवा और पेट्रोल को मिक्स करके सिलेंडर में भेजा जाता है।

तब जाकर स्पार्क से उस मिक्सर में इग्नाइट होकर आंतरिक दहन होता है। लेकिन उस समय यदि आप डीजल डाल देते हैं तो वह कार्बोरेटर में हवा के साथ अच्छे से मिक्स नहीं होगा।

क्योंकि डीजल और हवा का atomize mixture पेट्रोल के मुकाबले कम होता है। जो सिर्फ हवा का कंप्रेसर होगा और उसी पर स्पार्क प्लग के द्वारा इग्नाइट होगा लेकिन सिर्फ हवा में दहन नहीं होता है।

इसलिए पिस्टन के द्वारा crankshaft को पावर नहीं मिलेगी और क्योंकि crankshaft ही wheel को घुमाता है इसलिए वहीं पर ही गाड़ी रुक जाएगी।

यदि गाड़ी चल भी जाती है तो ज्यादा पावर नहीं मिलेगी और इसमें भी पिस्टन, क्रैंक्षाफ्ट, कनेक्टिंग रॉड को डैमेज पहुंचेगी।

अब बात करते हैं कि इसे ठीक कैसे करें?

दोस्तों यदि आप या कोई भी आपकी गाड़ी में पेट्रोल की जगह डीजल या डीजल की जगह पेट्रोल इंधन डाल दिया है।

तो उसके बाद यदि आप गाड़ी को स्टार्ट करते हैं यदि गाड़ी स्टार्ट नहीं होती है या होने के बाद कुछ दूर चलने के बाद आपकी गाड़ी बंद हो जाती है।

तो सबसे पहले आपको क्या करना चाहिए? तो दोस्तों आपको अपनी गाड़ी को दोबारा स्टार्ट नहीं करना चाहिए वहीं पर बंद कर देना चाहिए। उसके बाद अपनी गाड़ी की फ्यूल टैंक को पूरी तरह से खाली कर साफ कर देना है।

यदि डीजल इंजन है तो फ्यूल लाइन को पूरी तरह से clean कर देना है। और फ्यूल इंजेक्टर, फ्यूल इंटैक्ट manifold, फ्यूल पंप इन सब को साफ करना है। यदि पेट्रोल इंजन है।

तो कार्बोरेटर और इंटेक सिस्टम को पूरी तरह से साफ करना है। दोस्तों जिस तरह से आप अपने गलत इंधन को डालने से बचा सकते हैं।

पेट्रोल इंजन और डीजल इंजन में क्या अंतर है?

यह तो सबसे पहले यह जान लेते हैं कि पेट्रोल और डीजल इंजन में क्या अंतर है? फिर उसके बाद और इसकी जानकारी जानेंगे

1. पेट्रोल इंजन में पेट्रोल और हवा को कार्बोरेटर में मिक्स किया जाता है फिर उसके बाद सिलेंडर में भेजा जाता है। जबकि डीजल इंजन में सबसे पहले हवा को भेजा जाता है।

फिर फ्यूल इंजेक्टर के द्वारा डीजल को सिलेंडर में भेजा जाता है और सिलेंडर में डीजल और हवा मिक्स हो जाता है।

2. पेट्रोल इंजन otto cycle पर काम करता है जो कि constant volume होता है। जबकि जबकि डीजल इंजन डीजल साइकिल पर काम करता है जहां पर pressure constant रहता है।

3. पेट्रोल इंजन के सिलेंडर में हवा और पेट्रोल के मिश्रण को कंप्रेस करके इलेक्ट्रिक स्पार्क के द्वारा इग्नाइट किया जाता है। जबकि पेट्रोल इंजन में पहले हवा को कंप्रेस किया जाता है, हवा के pressure heat के कारण सिलेंडर में हवा और फ्यूल के मिश्रण पर इग्नाइट होता है।

4. पेट्रोल इंजन के सिलेंडर में compression ratio कम होता है। जबकि वह टीचर इंजन कैलेंडर में कंप्रेसर ratio ज्यादा रहता है।

5. पेट्रोल इंजन में कम कंप्रेशन ratio के कारण कम पावर प्रोड्यूस होता है। जबकि डीजल इंजन में ज्यादा कंप्रेशन ratio के कारण ज्यादा पावर produce होता है।

6. पेट्रोल इंजन में स्पार्क प्लग को यूज किया जाता है क्योंकि इसी के द्वारा इंजन में इग्नाइट किया जाता है जो कि पेट्रोल इंजन के लिए महत्वपूर्ण भाग है। जबकि डीजल इंजन में फ्यूल इंजेक्टर को यूज किया जाता है

7. पेट्रोल इंजन में जो fuel जलता है उसका वाष्पीकरण (volatile) बहुत ज्यादा होता है। जबकि डीजल इंजन में जो fuel जलता है। उसका वाष्पीकरण कम होता है।

8. पेट्रोल इंजन में इंधन की खपत ज्यादा होती है। जबकि डीजल इंजन में इंधन की खपत कम होती है।

9. पेट्रोल इंजन थोड़ा लाइटर होता है मतलब हल्का होता है कम भारी होता है जबकि डीजल इंजन थोड़ा हैवी मतलब थोड़ा ज्यादा भारी होता है।

10. पेट्रोल इंजन मीनिंग इंजन के पार्ट्स फ्रिक्वेंट overhauling होता है। मतलब पेट्रोल इंजन के पार्ट्स जब वह खराब हो जाता है या उसे रिपेयर का हो जाता है।

फिर उसके बाद उसको जल्दी-जल्दी निकालकर लगाना होता है। जबकि डीजल इंजन में इंजन के पार्ट्स का overhauling लंबे समय के बाद होता है।

11. पेट्रोल इंजन को चालू करने में कम प्रॉब्लम आता है जबकि डीजल इंजन को चालू करने में ज्यादा प्रॉब्लम आता है।

12. पेट्रोल इंजन में शुरुआती दौर पर कम खर्चा आता है जबकि डीजल इंजन में शुरुआती समय पर ज्यादा खर्च आता है।

13. पेट्रोल इंजन की मेंटेनेंस खर्चा कम होती है जबकि डीजल इंजन की मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा होती है।

14. दोस्तों अब बात आती है इनके उपयोग कहां कहां पर की जाती है तो दोस्तों पेट्रोल इंजन का उपयोग कार, जीप, मोटरसाइकिल इन सभी में उपयोग किया जाता है जहां पर कम पावर की जरूरत होती है।

जबकि डीजल इंजन की उपयोग जहां पर ज्यादा हेवी पावर की जरूरत होती है जैसे कि बस, ट्रक, लोकोमोटिव, बुलडोजर और बड़ी-बड़ी मशीनों पर किया जाता है।


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