www kya hai? – जानिए इसके फुल फॉर्म और इसके कार्य

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दोस्तों आपने कभी ना कभी इंटरनेट पर किसी चीज के बारे में जाने के लिए किसी से पूछते हैं? तो वह कहता है की www.example.com पर जाकर पढ़ लेना या कभी गाना डाउनलोड करने के लिए किसी से पूछते हैं कि उस साइट का नाम क्या है? जहां से हॉलीवुड मूवी,वीडियो डाउनलोड करते हैं तो इस तरह की आप लोग ने WWW का नाम तो बहुत सुना या देखा ही होगा। तो दोस्तों आपके मन में कभी ना कभी यह सवाल जरूर आया होगा कि यह www kya hai? और इसका काम क्या है

इंटरनेट की दुनिया में इसका उपयोग क्यों है इन सभी सवालों के जवाब आपको मैं इस आर्टिकल के माध्यम से देने वाले हूं तो दोस्तों आप कृपया करके इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते रहिए।

WWW kya hai?

दोस्तों www को W3 या web के नाम से भी जानते हैं। दोस्तों www kya hai? यह जानने से पहले मैं आपको इसके फुल फॉर्म को बता देता हूं जिससे आपको को समझने में और आसानी होगा।

www का फुल फॉर्म world wide web होता है। दोस्तों यहां पर आप world और wide का मतलब आप समझ सकते हैं। लेकिन web का मतलब आपको पता नहीं होगा। तो दोस्तों कोई बात नहीं मैं आपको web का मतलब बता देता हूं। दोस्तों web का मतलब जानकारियों (informations) का समूह होता है।

दोस्तों यह online content का एक नेटवर्क है। जिसे HTML language के माध्यम से लिखा हुआ होता है। यह एक open-source इंफॉर्मेशन होता है। जिसे हम सब लोग देख सकते हैं। इस ओपन सोर्स इंफॉर्मेशन पर ऑडियो वीडियो ग्राफिक्स और टेक्स्ट के रूप में जानकारी होती है।

और जिस web पर डॉक्यूमेंट होते हैं। उसे वेबपेज कहते हैं। यह एक तरीका है इंटरनेट पर एक कंप्यूटर और दूसरे कंप्यूटर के बीच जानकारी को आदान प्रदान करने की, और इसे इंटरनेट की दुनिया पर एक यूनिक एड्रेस होता है जिसके जरिए इसे internet पर खोजा जाता है।

दोस्तों यह http का का नियम का पालन करते हुए इंटरनेट के माध्यम से हमारे डिवाइस जैसे मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर इत्यादि तक पहुंचता है। फिर उसके बाद हम इसे पढ़ते हैं। या देखते हैं। दोस्तों आप www kya hai? यह तो आप जान गए हो अब चलिए यह जानते हैं कि इसका इतिहास क्या है।

www का इतिहास क्या है?

दोस्तों आज से कुछ समय पहले दुनिया में सबसे पहले एक वेबसाइट बनी। एक कंप्यूटर साइंटिस्ट Tim Berners-Lee का जन्म 8 जून 1955 को लंदन में हुआ। उसके माता और पिता दोनों कंप्यूटर साइंटिस्ट थे और वे दोनों उस टीम का हिस्सा थे जिस टीम ने एक Ferranti नाम कंप्यूटर पर आया था।

जिसका general purpose के लिए बाजार में लाया गया था। Tim Berners-Lee ने मॉडल रेलवे से खेलते खेलते एक इलेक्ट्रॉनिक से सबक सीखा। फिर उसने Oxford University से Bachelor डिग्री लेने के बाद उसने एक टेलीकम्युनिकेशन कंपनी में काम करना शुरू कर दिया और उन्होंने एक प्रिंटर के लिए type settings के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया।

सन 1980 में बर्नर ने CERN नामक एक ऑर्गेनाइजेशन में काम करना शुरू कर दिया उस समय दुनिया के अलग-अलग जगह के University के साइंटिस्ट अपने कंप्यूटर को CERN में लेकर आते थे और सभी कंप्यूटर के अलग-अलग सिस्टम पर चलने के कारण मिलजुलकर शोध को आगे बढ़ाने में काफी चुनौतियां पेश आती है। फिर यहीं से सबके लिए information management system बनाने का विचार आया।

CERN में एक काम करने वाले सभी साइंटिस्ट के लिए 1980 में Hypertext का कांसेप्ट सामने आया। Tim Berners-Lee ने सन 1989 में तीन अलग-अलग आइडिया को सामने लाया और उन तीनों ऑडियो को मिलाकर एक information management system बनाया।

Hypertext: Hypertext एक सिस्टम है। जो कंप्यूटर screen पर दिखने वाले text को आपस में एक दूसरे से link करके रखे हुए होती है।

TCP(Transmission control protocol): यह एक तरह का ऑनलाइन सिस्टम है। इसमें आईपी एड्रेस को इस्तेमाल करके एक जगह से दूसरे जगह पर इंफॉर्मेशन को पहुंचाते हैं असल में data के पहुंचने से पहले client और server के बीच संपर्क बनाया जाता है।

DNS(Domain Name system): इंटरनेट की दुनिया में इंटरनेट से जुड़े हर कंप्यूटर और server को एक domain Name मिल जाता है। और हर एक domain का एक यूनिक IP address होता है। इन तीनों सिस्टम को मिलाकर ऐसा संभव हो पाया।

कि कोई भी एक ही user एक वेबसाइट कोई ही नहीं बल्कि इंटरनेट पर पड़ी तमाम वेबसाइट के सिस्टम को जान सके। 6 अगस्त 1991 को एक वेबसाइट Info.cern.ch नाम की एक वेबसाइट बनाया और वहीं से ऑनलाइन technology का क्रांति शुरू हुआ। और तभी wwww का जन्म हुआ और इस तरह से www बनकर शुरू हुआ।

www में उपयोग होने वाले component

दोस्तों दुनियाभर के इंटरनेट पर अलग-अलग जगह डाटा center रहता है। उसे एक सिस्टम में जुड़ा हुआ है और वह www होता है और कुछ उस www पर यूज होने वाले कंपोनेंट को हम यहां पर जाने वाले हैं। तो दोस्तों अभी से continue पढ़ते रहिए।

Structural components

Client/browser

Server

Caches

Internet

Semantic components

Hypertext Transfer Protocol (HTTP)

Hypertext markup language(HTML)

Extensible Markup language(XML)

Uniform resource identifiers(URIs)

www कैसे काम करता है?

World wide web को बनाने में कई fundamental concept की जरूरत पड़ी है। उन्हीं की मदद से आज world wide web successfully run कर रहा है। तो उस world wide web में कौन-कौन से fundamental का उपयोग होता है। उसे हम एक एक कर करके समझते हैं। तो दोस्तों चले उसे देखते हैं।

Hypertext: Hypertext एक प्रकार का text ही होता है। जो दूसरे टेस्ट को आपस में link करके रखे हुए होते हैं। और इस terms को सबसे पहले 1965 के around में Ted Nelson ने गढ़ा(coined) था।

Hypermedia: दोस्तों नाम से ही पता चलता है कि यह टेक्स्ट के लिए नहीं होते हैं। लेकिन इस terms को Hypertext के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें audio, video होते हैं।

Web browser: दोस्तों वेब ब्राउज़र एक प्रकार का प्रोग्राम होता है। दोस्तों चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं: जैसे कि आप मोबाइल में google chrome, mozilla Firefox, opera mini इत्यादि सभी वेब ब्राउज़र है। इसमें से आप कोई भी एक चलाते होंगे जैसे आप इसमें कुछ सर्च करते हैं।

यह ब्राउज़र सीधे इंटरनेट से होते हुए सरवर के पास रिक्वेस्ट भेजते हैं फिर वहां से इंफॉर्मेशन लाकर आपको दे देता है। और वह html या xml जैसे लैंग्वेज से लिखा हुआ होता है। और आपको सिंपल भाषा में लिखा दिखा देता है।

Web server: यह कंप्यूटर का एक बहुत बड़ा डाटा स्टोरेज करने के लिए डाटा सेंटर होता है। जिसे एक प्रोग्राम के द्वारा रन करते हुए रहते हैं। वेब सर्वर, वेब ब्राउज़र के रिक्वेस्ट का इंतजार करते रहता है जैसे ही वेब ब्राउज़र का रिक्वेस्ट आता है उसकी रिक्वेस्ट के अनुसार वेब सर्वर पर रन करते हुए प्रोग्राम वेब ब्राउज़र को जानकारी को send कर देता है।

Uniform resource Locator(URL): पूरे वर्ल्ड वाइड इंटरनेट पर वेब पेज को सर्च करने के लिए या उसके पहचान के लिए एक address होता है। जिसे URL कहते हैं। URL का फुल फॉर्म Uniform resource Locator होता है। इसे आसान भाषा में एक उदाहरण से समझते हैं जैसे कि मेरे https://www.greenhindi.com एक वेबसाइट है।

जिसे आप सच इंजन पर सर्च करके इस वेबसाइट के होम पेज को देख सकते हैं। मतलब यह मेरे वेबसाइट के होमपेज या पूरे वेबसाइट का एक एड्रेस है। दोस्तों www इस तरह से पूरे वर्ल्ड पर काम करता है।

दोस्तों अब हम www kya hai? और world wide web कैसे काम करता है? यह तो समझ गए हैं। लेकिन फिर भी कई लोग www और इंटरनेट को एक ही समझते हैं। जबकि ऐसा नहीं है तो दोस्तों इसी को आगे के टॉपिक पर समझते हैं।

Internet और www में क्या अंतर है?

दोस्तों आप internet के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो आप मेरे दूसरे आर्टिकल को पढ़ सकते हैं चलिए अब internet और www में क्या अंतर है यह जान लेते हैं।

Internet

इंटरनेट की खोज 1960 के दशक में ही हो गया था। उस समय इंटरनेट का नाम ARPANET था internet कई कई कंप्यूटरों का एक network है। इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए सेटेलाइट राउटर या टावर के माध्यम से एक्सेस किया जाता है। हार्डवेयर पर आधारित कई कंप्यूटरों के साथ एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। इस इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए आईपी एड्रेस की आवश्यकता होती है। इंटरनेट को आप बिना वर्ल्ड वाइड वेब के जरिए भी चला सकते हैं।

www

World wide web का आविष्कार सन 1989 में Tim Berners-Lee ने किया था। शुरुआती दिनों में इसे NSFNET के नाम से बोला जाता था। इंटरनेट पर सभी जगह की इंफॉर्मेशन को एक जगह www software के माध्यम से मैनेज किया गया है। इस प्रोग्राम को चलाने के लिए वेब पेज, हाइपरटेक्स्ट, वेब पेज में वीडियो ऑडियो ग्राफिक्स इन सभी को यूज किया जाता है। इसमें https का उपयोग किया जाता है। इसे इंटरनेट पर URL के जरिए खोजा जाता है। लेकिन यह इंटरनेट के बिना अस्तित्व में ही नहीं होता है।

Conclusion – संक्षेप में

दोस्तों को www kya hai? WWW का fundamental component क्या है? और कैसे काम करते हैं यह जानना आपको बहुत ही जरूरी था। क्योंकि दोस्तों Technology आज के दिनों में बहुत तेजी से बढ़ते जा रहा है। वैसे भी हमें टेक्नोलॉजी के हर एक चीज के बारे में हमको पता होना चाहिए। ताकि हम updated रहे।

दोस्तों यदि फिर भी आपको कुछ सवाल छूट गया होगा तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं। मैं उससे अपने पोस्ट पर अपडेट करके जवाब दूंगा।

दोस्तों यदि मेरे द्वारा लिखा हुआ जानकारी आपको पसंद आया होगा। तो आप उन लोगों तक पहुंचाई जो इंटरनेट और टेक्नोलॉजी नॉलेज लेना चाहते हैं। और अपनी फ्रेंड फैमिली के साथ भी शेयर करें।

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद


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