उत्सर्जन किसे कहते हैं: भाषा का खेल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें शब्दों की ऊँचाइयों और गहराइयों में खोज और व्यक्तिगत भावनाओं को अभिव्यक्त करने की अनगिनत क्षमताएँ छिपी होती हैं।
इसी प्रकार, “उत्सर्जन” एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ विभिन्न प्रकार के परिप्रेक्ष्यों में सुना और समझा जा सकता है।
उत्सर्जन किसे कहते हैं?
“उत्सर्जन” शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है – “बाहर निकलना” या “प्रकट होना”। यह शब्द विभिन्न संदर्भों में अपने अर्थ को प्रकट करता है।
विज्ञान में, इसे एक प्रक्रिया का परिणाम माना जाता है जिसमें किसी विशिष्ट घटना या प्रक्रिया का परिणाम बाहर आकर दिखाई देता है।
यह चेतना की विभिन्न दशाओं में भी उपस्थित हो सकता है, जैसे कि सपने में देखा गया उत्सर्जन भी उपयोग किया जा सकता है।
जैसे की विज्ञान में कोई भी जीव जंतु भोजन को ग्रहण करते हैं तो उसे पर पाचन प्रक्रिया होना शुरू हो जाते हैं।
इस पाचन प्रक्रिया के दौरान शरीर कुछ अच्छे पदार्थ को अवशोषित कर लेते हैं।
जिसे हम लोग विटामिन मिनरल एस के नाम से जानते हैं क्योंकि यह शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी है।
इनके बिना शरीर नहीं चल सकते हैं और जो बचे हुए अपशिष्ट पदार्थ को शरीर के द्वारा बाहर गंदगी के रूप में निकाल देते हैं जिसे उत्सर्जन कहते हैं।
इस तरह के उत्सर्जी पदार्थ में गैस तीनों प्रकार के पदार्थ पाए जाते हैं जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड यूरिक अम्ल इत्यादि।
मनुष्य के शरीर में पाए जाने वाले उत्सर्जी अंग किसे कहते हैं
मनुष्य के शरीर से बहुत सारे उत्सर्जी पदार्थ निकलते हैं जो कि सिर्फ एक अंग से नहीं निकलते हैं शरीर के अलग-अलग अंगों से उत्सर्जी पदार्थ निकलते हैं जैसे की वृक्क, आंत इत्यादि उत्सर्जी अंक है जिन्हें हम लोग एक-एक कर करके विस्तार से जान लेते हैं।
1. वृक्क
ब्रिक हमारे शरीर के हिस्सा है जो हम लोग जल को ग्रहण करते हैं उसे बचा कर अपशिष्ट पदार्थ के रूप में बाहर निकलते हैं जिसे हम लोग मूत्र के नाम से जानते हैं।
2.आंत
आंत शरीर के एक बहुत ही बड़ी हिस्सा है जिसके माध्यम से जो भी खाना कहते हैं उन्हें शरीर के पाचन तंत्र में पचाकर आंत की गोद से होती हुई मल द्वार से बाहर निकाल दी जाती है।
3.यकृत
यह भी हमारे शरीर की पाचन प्रक्रिया में भाग होते हैं जो की महत्वपूर्ण हिस्सा है यकृत अमोनिया को कम हानिकारक पदार्थ यूरिया में तब्दील करते हैं।
जो मूत्र मार्ग से होते हुए हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
4.फेफड़ा (lungs)
हमारे शरीर के फेफड़ों में वसा और कार्बोहाइड्रेट के विघटन से कार्बन डाइऑक्साइड और h2o पानी बनता है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड श्वसन क्रिया से बाहर निकल जाता है।
5.त्वचा
त्वचा जिसे कौन नहीं जानता होगा लगभग हर किसी के शरीर का सबसे ऊपरी भाग त्वचा ही होता है।
इसमें श्वेत ग्रंथियां पाई जाती है जो त्वचा की सतह पर खुलता है और यह श्वेत ग्रंथियां रुधिर कोशिकाओं से जल, लवण इत्यादि अपशिष्ट पदार्थों को पसीने के रूप में तब्दील करके उत्सर्जित करते हैं।
निष्कर्ष: उत्सर्जन किसे कहते हैं?
उत्सर्जन एक शब्द है जिसका अर्थ विभिन्न संदर्भों में अलग-अलग हो सकता है, लेकिन यह सामान्यत: बाहर निकलने या प्रकट होने की प्रक्रिया को सूचित करता है।
भाषा की यह सामर्थ्य हमें भावनाओं, विचारों, और अनुभवों को साझा करने का माध्यम प्रदान करती है, जिससे हम समाज में सुख-शांति और समृद्धि की दिशा में काम कर सकते हैं।