software kya hai:हेलो दोस्तों नमस्कार उम्मीद करता हूं कि आप अच्छे ही होंगे तो चलिए दोस्तों बात करते हैं। software kya hai? यह कितने प्रकार के होते हैं? और इसे क्यों बनाया गया है? दोस्तों आजकल हर चीज ऑफलाइन से ऑनलाइन काम होने लगा है।
तो वैसे में हर चीज को डिजिटल काम करना पड़ता है और इसी के लिए कंप्यूटर में काम करने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है। तो चलिए दोस्तों आज इसी के बारे में पूरी डिटेल में जानते हैं।
Software kya hai?
Software data, program, instruction का एक set है। जिसको उपयोग करके कंप्यूटर को चलाने या किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है।
यह हार्डवेयर के opposite है। जिसे touch नहीं कर सकते सिर्फ देख सकते हैं। सॉफ्टवेयर की मदद से कई एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को चला सकते हैं। software kya hai? यह तो आप जान गए अब चलिए जानते हैं। सॉफ्टवेयर के प्रकार क्या क्या है?
सॉफ्टवेयर के प्रकार क्या क्या है?
वैसे तो सॉफ्टवेयर के प्रकार के होते हैं लेकिन सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।
1.system software
2.Application software
3.driver software
4.Middleware software
5.programming software
1.System software
सिस्टम सॉफ्टवेयर ऐसी प्रोग्राम को कहा जाता है। जिनका काम कंप्यूटर को चलाना और उनका अनुरक्षण करना होता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर का उदाहरण जैसे कि android, ios, windows Linux blackberry इत्यादि ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर ही हार्डवेयर में जान डालता है ऑपरेटिंग सिस्टम कंपाइलर आदि सिस्टम सॉफ्टवेयर की मुख्य पार्ट्स है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को नियंत्रित और व्यवस्थित करते हैं इनका मुख्य कार्य कंप्यूटर के मूलभूत कार्य करना तथा यह कंप्यूटर तथा उपयोगकर्ता के बीच मध्यस्थ का कार्य करती है यह कार्य निम्नलिखित है।
यह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के लिए पृष्ठभूमि तैयार करता है
यह पेरीफेरल उपकरणों का नियंत्रण एवं उनके बीच में संबंध में भी स्थापित करता है
यह कंप्यूटर हार्डवेयर का अधिकतम उपयोग भी निश्चित करता है।
2.एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर(Application Software)
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्राम को कहा जाता है। जिनका इस्तेमाल हमारे वास्तविक कार्य को करने के लिए किया जाता है।
यह सबसे सामान्य प्रकार का सॉफ्टवेयर है, applications software एक computer software packages है। जो user के विशेष फंक्शन को दर्शाता है। एक एप्लीकेशन स्वयं contained भी हो सकता है।
जो प्रोग्राम का ग्रुप भी हो सकता है। जो यूजर के अनुसार एप्लीकेशन को run कराता है। उदाहरण के लिए graphics software, database management software, web browser, word processor, software development tools, image editor, communications platform इत्यादि।
3.Driver software
इसे device drivers भी कहा जाता है, इस software को अक्सर एक प्रकार का system software माना जाता है।
device driver कंप्यूटर से जुड़े उपकरणों और बाहरी उपकरणों को नियंत्रित करते हैं, जिससे वे अपने विशिष्ट कार्यों को करने में सक्षम होते हैं।
कंप्यूटर से जुड़े प्रत्येक उपकरण को कार्य करने के लिए कम से कम एक device driver की जरूरत होती है। उदाहरणों में ऐसे सॉफ़्टवेयर शामिल हैं।
जो किसी भी गैर-मानक हार्डवेयर के साथ आते हैं, जिसमें विशेष game controller शामिल हैं। साथ ही वह सॉफ़्टवेयर जो मानक हार्डवेयर को सक्षम करता है, जैसे USB storage devices, keyboard, headphone और printer इत्यादि।
4.Middleware
Middleware नाम से पता चलता है। जो कि सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कई दूसरे सॉफ्टवेयर के बीच का layer होता है। जो उन्हें मिलाने का काम करता है।
जैसे कि एक उदाहरण लेते हैं। Microsoft Windows एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। जो excel और word के बीच जुड़ने के लिए सक्षम बनाता है। दोस्तों आप Middleware को आप समझ ही गए होंगे।
5.programming software
प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर नाम से ही पता चलता है कि कोडिंग करने के लिए होता है।
जिसमें programmer प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर को यूज करके कोडिंग करते हैं।
programmer programing tools और programming software को उपयोग करके applications develop करना, coding करना, दूसरे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को test और debug इत्यादि किया जाता है। उदाहरण के लिए assemblers, compilers, debuggers और interpreters इत्यादि।
SOFTWARE कैसे काम करता है?
सभी सॉफ्टवेयर यूजर के जरूरत को पूरा करने के लिए कंप्यूटर को डाटा और डायरेक्शन प्रदान करता है। हालांकि सॉफ्टवेयर दो अलग-अलग प्रकार के होते हैं और उनके काम भी अलग-अलग होते हैं।
Application Software
Application Software कोई प्रोग्राम का consists होता है जो यूजर के specific functions को दर्शाता है।
जैसे की रिपोर्ट लिखना है वेबसाइट को नेविगेट करना है इत्यादि।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दूसरे एप्लीकेशन के कार्य को कर सकता है। लेकिन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर स्वयं से run नहीं कर सकता, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत पड़ता ही है।
डेस्कटॉप एप्लीकेशन यूजर्स के कंप्यूटर पर इंस्टॉल हो जाते हैं और कार्य करने के लिए उनके कंप्यूटर के मेमोरी को उपयोग करते हैं। वे कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव पर जगह घटता है उसे काम करने के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होती है।
लेकिन डेक्सटॉप एप्लीकेशन को रन करने के लिए हार्ड ड्राइव डिवाइस की जरूरत पड़ती है।
Web application को सिर्फ इंटरनेट की जरूरत पड़ती है यह हार्डवेयर सॉफ्टवेयर पर निर्भर नहीं होती है इसमें यूज़र डिवाइस से वेब एप्लीकेशन लॉन्च कर सकता है
System software
सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच संपर्क बनाए रखता है।
यूज़र सिस्टम सॉफ्टवेयर के साथ डायरेक्ट interact नहीं कर सकता। क्योंकि यह कंप्यूटर के basic फंक्शन को पकड़कर बैकग्राउंड में चलता रहता है।
यह सॉफ्टवेयर सिस्टम के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को समन्वय करता है। ताकि यूज़र हाई लेवल एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को चला सके।
संक्षेप में
तो दोस्तों सॉफ्टवेयर क्या है और सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं।
इस विषय के बारे में मैं इस आर्टिकल में अच्छे से समझाया हूं क्योंकि दोस्तों आजकल हर जगह कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर से ही काम चलता है।
तो वैसे में सॉफ्टवेयर के बारे में जानना है बहुत ही जरूरी हो जाता है। तो दोस्तों यदि आपको सॉफ्टवेयर से संबंधित कुछ डाउट होगा।
तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और यदि या आर्टिकल अच्छा लगा होगा।
तो इस आर्टिकल को उन लोगों तक पहुंचाएं जो लोग इस तरह के ज्ञान को पाना चाहते हैं।