SSL kya hai? -और कैसे काम करता है? इसकी जरूरत क्यों है?

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ssl kya hai? हैलो दोस्तों नमस्कार कैसे हो उम्मीद करता हूं कि आप अच्छा ही होंगे। आज की इस पोस्ट में हम SSL kya hai और कैसे काम करता है इसी विषय के उपर बात करेंगे तो जैसे की

आप हर रोज दूसरी वेबसाइट को सर्च करते होंगे तो जहां पर हम वेबसाइट का यूआरएल एंटर करते हैं। यानी search results पर आपको बहुत सारी वेबसाइट में HTTP लिखा नजर आता हुआ कुछ वेबसाइट में आपको HTTPS लिखा हुआ नजर आता होगा और दोस्तों कुछ वेबसाइट मैं आपको एक हरे रंग का ताला और secure लिखा हुआ नजर आता होगा।

कुछ वेबसाइट में तो और कुछ वेबसाइट में आप उस कंपनी का नाम भी लिखा हुआ नजर आता है। दोस्तों आपकी मन में जरूर सावाल आया होगा कि SSL kya hai और कैसे काम करते हैं। और वेबसाइट में इसकी जरूरत क्यों होती है। तो दोस्तों आज इसी के बारे में जानते हैं।

SSL kya hai?

SSL का फुल फॉर्म secure sockets Layer होता है। इसका मतलब encryption पर आधारित इंटरनेट सुरक्षा प्रोटोकॉल है। इसे सबसे पहले Netscape ने 1995 में बनाया था।

इसका उद्देश्य इंटरनेट communications में ensuring privacy, authentication, और data integrity का है। SSL का upgrade TLS है। SSL को आज के दिनों में और सुरक्षा बनाए रखने के लिए उपयोग किया जा रहा है।

Sएक वेबसाइट में SSL & TLS को लगाया जाता है। तो उस वेबसाइट के URL में HTTP से HTTPS में बदल जाता है।

SSL काम कैसे करता है?

उच्च स्तर की privacy प्रदान करने के लिए, SSL सभी web पर प्रसारित होने वाले data को encrypt करता है। इसका मतलब यह है कि जो कोई भी इस data को decrypt करने की कोशिश करेगा, उसे केवल garbled Character का mixer दिखाई देगा, जिसे decrypt करना लगभग असंभव है।

SSL दो संचार उपकरणों के बीच एक प्रमाणीकरण प्रक्रिया शुरू करता है जिसे handshake कहा जाता है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों device वास्तव में वही हैं जो वे होने का दावा करते हैं।

SSL भी डेटा अखंडता प्रदान करने के लिए डेटा पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करता है, यह सत्यापित करता है कि डेटा को उसके इच्छित प्राप्तकर्ता तक पहुंचने से पहले छेड़छाड़ नहीं किया गया है।

SSL के कई पुनरावृत्त हुए हैं, जिनमें से प्रत्येक पिछले की तुलना में अधिक सुरक्षित है। 1999 में SSL को TLS बनने के लिए अपडेट किया गया था।

SSL का importance क्या है?

Web पर डाटा को प्लेन टेक्स्ट में प्रसारित किया जाता था। तो उसे आसानी से डिक्रिप्ट करके पढ़ा जा सकता था या miss use किया जाता था। इसे समझने के लिए एक उदाहरण से समझते हैं। जैसे कि कोई एक user किसी शॉपिंग वेबसाइट में कुछ खरीदने के लिए एक आर्डर देते हैं।

और उस web साइट पर अपना क्रेडिट कार्ड का नंबर दर्ज करता है तो उस क्रेडिट कार्ड का नंबर बिना छुपाए हुए ऐसे वहां तक पहुंचेगा जिसे कोई भी बीच में track करके मिस यूज कर सकता है तो user के इसी समस्या को देखते हुए, SSL को बनाया गया था। user और वेब सरवन के बीच जाने वाले किसी भी प्रकार के डाटा को encrypt करके, SSL यह सुनिश्चित करता है,

कि कोई भी बीच में उस डाटा को ट्रैक करता है। तो उसे केवल garbled Character mixer दिखाई देगा। तो अब उस वेबसाइट के लिए यूज़र का क्रेडिट कार्ड नंबर सुरक्षित है। जहां इसे दर्ज किया था।SSL फर्जी वेबसाइट बनाने वाले को भी वैसे बनाने के लिए रुकता है।

क्या SSL अभी भी अपडेट है?

SSL को 1996 में SSL 3.0 के बाद से अपडेट नहीं किया गया है। और अब इसे deprecated माना जाता है। SSL में कई ज्ञात कमजोरियां हैं, और security specialist इसके उपयोग को बंद करने की सलाह देते हैं। वास्तव में, अधिकांश आधुनिक वेब ब्राउज़र अब SSL का बिल्कुल भी समर्थन नहीं करते हैं।

TLS अब up to date encryption protocol है, जिसे अभी भी ऑनलाइन लागू किया जा रहा है, भले ही कई लोग अभी भी इसे “SSL encryption” के रूप में संदर्भित करते हैं। सुरक्षा समाधानों की खरीदारी करने वाले किसी व्यक्ति के लिए यह भ्रम का स्रोत हो सकता है।

सच्चाई यह है। कि इन दिनों “SSL” की पेशकश करने वाला कोई भी विक्रेता लगभग निश्चित रूप से TLS security प्रदान कर रहा है, जो कि 20 से अधिक वर्षों से एक उद्योग मानक रहा है। लेकिन चूंकि कई लोग अभी भी “SSL security” की खोज कर रहे हैं, इसलिए यह शब्द अभी भी कई उत्पाद पृष्ठों पर प्रमुखता से प्रदर्शित होता है।

SSL certificate क्या है?

SSL certificate एक प्रकार का प्रमाण पत्र है। आजकल लगभग हर एक वेबसाइट एसएसएल सर्टिफिकेट अपनी वेबसाइट में लगाता है। ताकि ब्राउज़र और क्लाइंट के बीच सुरक्षित कम्युनिकेशन हो सके इसलिए इससे सर्टिफिकेट आजकल सभी लोग यूज कर रहे हैं।

अब आप तो इससे सर्टिफिकेट को जान गए अब एसएसएल सर्टिफिकेट के प्रकार को भी जान लेते हैं।

SSL certificate के प्रकार

1.DV SSL

Domain validation secure sockets Layer (DV SSL) इसका मतलब डोमेन सत्यापन सुरक्षित सॉकेट परत होता है। यह SSL का बहुत ही बेसिक वर्जन होता है।

यदि आपकी साइट statistics है information देने वाली है, जिसमें वेबसाइट dynamics नहीं है।

इसमें database, payment gateway नहीं है। इन सबके अलावा आपकी वेबसाइट statistics है। तो इसमें सिर्फ आपके वेबसाइट के सामने एक लॉक और उसमें ग्रीन lock लगाकर आपको दे देगा तो आप अपनी वेबसाइट के लिए इसे ले सकते है।

2.OV SSL

Organization validation secure socket Layer इसका मतलब संगठन सत्यापन सुरक्षित सॉकेट परत होता है। यह क्या होती है basically कोई कंपनी होती है, जैसे गवर्नमेंट trust होती है, प्राइवेट trust होती है, organization होती है इस वेबसाइट के सामने जिस कंपनी का वेबसाइट होता है। उस कंपनी का नाम सामने में लिखा जाता है। तो इस तरह की कंपनी यह इस SSL को ले सकते हैं।

3.SAN SSL

subject alternate name secure socket layer (SAN SSL) यह SSL क्या होता है। तो दोस्तों यदि आपके पास बहुत सारे वेबसाइट और वे सभी एक ही Hosting पर Hosted है। तो इन सभी वेबसाइट के लिए अलग-अलग SSL लेना पड़ेगा और उसका प्रोसेस भी ज्यादा जाएगा इसलिए इस तरह का SSLबनाया गया है। ताकि एक SAN SSL को लेकर सभी वेबसाइट के लिए socket Layer लगा सके।

4.WILDCARD SSL

sub – domain validation secure socket Layer (WILDCARD SSL) दोस्तों यदि आपके पास आप अपनी वेबसाइट में sub-domain है। तो आप उन सभी domain को protect करने के लिए wildcard ssl को ले सकते हैं।

5.EV SSL

extended validation secure socket Layer(EV SSL) इस तरह के SSL को देने के लिए खुद SSL कंपनी वेबसाइट के सभी डॉक्यूमेंट को ensurity के साथ verify करता है। फिर उसके बाद इस तरह के सिक्योरिटी सुरक्षा देता है। यह security 100% secure होता है।ssl kya hai

तो आप इसके कुछ प्रकार को जान गए हैं। अब आइए आप जानते हैं। इस तरह के सुरक्षा कौन SSL कंपनी प्रोवाइड करता है, उसे भी जान लेते हैं।

SSL कौन प्रदान करता है?

SSL सर्टिफिकेट दुनिया भर में अथॉरिटी प्राप्त सर्टिफिकेट है। इसे देने के लिए एक संस्था है। जिसका नाम सर्टिफिकेट अथॉरिटी (CA) है। यही संस्था सभी वेबसाइट को सर्टिफिकेट प्रदान करता है। वैसे तो आप किसी होस्टिंग कंपनी से Hosting खरीदते हैं।

तो आपको होस्टिंग कंपनी direct सर्टिफिकेट दिलवा देता है। क्योंकि होस्टिंग कंपनियों का CA संस्था से agreement रहता है। इस तरह से आपको इससे सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाता है।

Conclusion

तो दोस्तों मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से SSL KYA HAI और यह किस तरह से काम करता है। इन सभी का जानकारी मैं आपको दे चुका हूं। यदि आपका फिर भी कुछ प्रश्न होगा। तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं। ताकि मैं अपने पोस्ट में उसे बता सकूं यदि आपको यह पोस्टर पढ़ने का बहुत अच्छा लगा होगा। तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ share करे।


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