हेलो मित्रों Greenhindi आपका स्वागत है। मैं आपको इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से internet kya hai?और यह कितने प्रकार का होता है यह सभी जानकारी को आपको बताऊंगा तो चाहिए सबसे पहले इसके थोड़ा परिचय जान लेते हैं।
इंटरनेट कम्युनिकेशन का एक महत्वपूर्ण या दक्ष माध्यम है जिसने काफी लोकप्रियता अर्जित की है इंटरनेट के माध्यम से लाखों व्यक्ति सूचनाओं विचारों ध्वनि वीडियो आदि को कंप्यूटर के जरिए पूरी दुनिया में एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं यह विभिन्न आकारों व प्रकारों के नेटवर्क से मिलकर बना होता है।
Internet kya hai?
इसका पूरा नाम इंटरनेशनल नेटवर्क है जिसे वर्ष 1950 में रेंट कार्स ने शुरू किया था जिन्हें इंटरनेट का पिता कहा जाता है। इंटरनेट नेटवर्क का नेटवर्क है जिसमें लाखों निजी एवं सार्वजनिक लोकल से ग्लोबल स्कोप वाले नेटवर्क होते हैं। सामान्यतः नेटवर्क दो या दो से अधिक कंप्यूटर सिस्टम को आपस में जोड़कर बनाया गया होता है।
इंटरनेट पर उपलब्ध डाटा प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित किया जाता है।TCP/IP द्वारा एक फाइल को कई छोटे भागों में फाइल सर्वर द्वारा बांटा जाता है। जिसे पैकेट कहा जाता है। इंटरनेट पर सभी कंप्यूटर आपस में इसी प्रोटोकॉल का प्रयोग करके वार्तालाप करते हैं जिससे हम इंटरनेट करते हैं। तो दोस्तों आप internet kya hai? यह तो अब जान गए अब चलिए जानते हैं कि इंटरनेट कब से शुरुआत हुआ है
इंटरनेट का इतिहास?
सन 1969 में लास एंजेल्स में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया तथा यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा ARPA (advance research and product agency) की शुरुआत के रूप में जुड़े इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा अमेरिका रक्षा मंत्रालय के कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करना था वह दुनिया का पहला पैकेट स्विचिंग नेटवर्क था।
मध्य 80 के दशक में एक और संघीय एजेंसी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन ने एक नया उच्च क्षमता वाला नेटवर्क NSF नेट बनाया जो ARPA NET से अधिक सक्षम था। इन एसएफ नेट में केवल यही कमी थी कि यह अपने नेटवर्क पर केवल शैक्षिक अनुसंधान की ही अनुमति देता था।
किसी भी प्रकार की निजी व्यापार की अनुमति नहीं देता था। इसी कारण निजी संगठनों तथा लोगों ने अपने खुद के नेटवर्क का निर्माण करना शुरू कर दिया। जिसने बाद में ARPANET और NSF नेट से जुड़कर इंटरनेट का निर्माण किया जिसे आज हम इंटरनेट कहते हैं। जैसे की दोस्तों internet kya hai? और इंटरनेट की इतिहास को अच्छे से जान गए अब चले चलते हैं। इंटरनेट कैसे काम करते हैं उसे जाने के लिए।
इंटरनेट कैसे काम करता है?
तो दोस्तों मैं आपको यह कहो कि यह पूरा इंटरनेट एक wire मतलब तार से चलता है। तो आप विश्वास नहीं होगा लेकिन यह बात सच है। पूरी दुनिया का इंटरनेट एक तार के माध्यम से चलता है।
जिसे Optical fibre केबल कहते हैं। या ऑप्टिकल फाइबर केबल पूरी दुनिया में एक जाल की तरह फैला हुआ है पूरे विश्व में जमीन और समुद्र के नीचे एक जाल की तरह फैलाया हुआ है।
जिसकी मदद से इंटरनेट चलता है एक ऑप्टिकल फाइबर केबल की मदद से पूरी दुनिया के देश को एक दूसरे से जुड़े हुए हैं एक वेबसाइट है।
जिसका नाम सबमरीन डॉट कॉम इस वेबसाइट में जाकर आप वर्ल्ड मैप नेविगेशन करके कि देश को ऑप्टिकल फाइबर से कैसे जोड़ा गया है।
इंटरनेट के 95% हिस्सा इसी Optical फाइबर से चलता है और बाकी के 5% परसेंट इंटरनेट सेटेलाइट के माध्यम से चलता है जब आप गूगल पर सर्च करते हैं।
तो वह cable से होते हुए, धरती के के अंदर और समुद्र के अंदर केबल से होते हुए गूगल के डाटा सेंटर तक पहुंचता है। फिर उसके बाद गूगल हमें उसका रिजल्ट देता है।
आप आइए जानते हैं कि ऑप्टिकल फाइबर कैसे और किस के सिद्धांत पर काम करता है हम जो डेली लाइफ में तार यूज़ करते हैं। उसमें electric current flow होता है। लेकिन इस ऑप्टिकल फाइबर में लाइट को flow कराया जाता है।
डाटा को लाइट सिगनल में कन्वर्ट करके एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है यह टोटल इंटरनल light reflection के सिद्धांत पर काम करते हैं।
इस ऑप्टिकल फाइबर में लाइट को रिजेक्ट कराया जाता है जिससे वह डिफरेंट करते हुए एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंच जाता है।
यह वायर बहुत ही हाई क्वालिटी मटेरियल से बना होता है यह तार बहुत ही पतला होता है इस ऑप्टिकल फाइबर तार इंसानों की बालों से भी पतला होता है बहुत सारे फाइबर को एक साथ जोड़ कर एक वायर बनाया जाता है।
इसकी सुरक्षा के लिए 4 5 layer के अंदर प्लास्टिक कोडिंग से ढक दिया जाता है आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा की डेटा कोई एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए कॉपर वायर का भी यूज किया जा सकता था।
तो ऑप्टिकल फाइबर का यूज क्यों करते हैं ऐसा करने का सबसे बड़ा कारण यह है की पूरे ब्रह्मांड में लाइट की स्पीड सबसे ज्यादा है कॉपर वायर में इलेक्ट्रॉन का flow होता है। और लाइट की स्पीड इलेक्ट्रॉन की स्पीड से बहुत ज्यादा है यही कारण है।
कि हम डाटा को लाइट से भेजते हैं। और इसका यूज़ करने का और दूसरा बड़ा कारण यह है। कि यह बहुत ही पतला होता है। जिससे हम ज्यादा से ज्यादा डाटा को एक तार से भेज सकते हैं।
यदि हम कॉपर वायर का यूज़ करते तो बहुत मोटे मोटे तार को यूज करना पड़ता है तो दोस्तों आप internet kya hai? और इंटरनेट कैसे काम करता है? यह तो आप समझ चुके हैं।
इंटरनेट कितने प्रकार के होते हैं?
इंटरनेट को यूज करने के लिए सबसे पहले आपको किसी सरवर से जुड़ना होता है इंटरनेट सर्वर एक ऐसा सिस्टम कहां जाता है जो क्लाइंट यानी यूजर के द्वारा आने वाली रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर के उसके द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराता है।
ऐसी कंपनियां जो इंटरनेट की सर्विस प्रोवाइड कराती है आईएसपी का कहलाती है इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए आपको आईएसपी से कनेक्शन लेना होता है। जब आप इस कंपनी का नेटवर्क का यूज करते हैं।
तो आपको इसके लिए आवश्यक फीस जमा करनी होती है। इंटरनेट कनेक्शन के प्रकार को मैं नीचे अच्छे से समझा रहा हूं जिसे आप देखते रहिए।
1.डायलॉग कनेक्शन( Dial Up connection)
इस प्रक्रिया में उपभोक्ता का कंप्यूटर फोन लाइन के जरिए जोड़ा जाता है इसीलिए इसे एनालॉग कनेक्शन(analog connection) भी कहा जाता है।
कोई डायलॉग कनेक्शन एक अस्थाई कनेक्शन होता है जो आपके कंप्यूटर और आईएसपी सरवर के बीच बनाया जाता है इस प्रकार के कनेक्शन को जोड़ने के बाद फोन का इस्तेमाल करना संभव नहीं होता है।
डायलॉग कनेक्शन मॉडेम का उपयोग करके बनाया जाता है। जो टेलीफोन लाइन का उपयोग ISP server का नंबर डायल करने में करता है। ऐसा कनेक्शन सस्ता होता है। और इसकी स्पीड कम होती है। इसकी स्पीड kbps तथा mbps में मापी जाती है।
2.ब्रॉडबैंड कनेक्शन( Broadband connection) –
ब्रॉडबैंड Broadband का संक्षिप्त रूप है यह तेजी गति वाला इंटरनेट कनेक्शन होता है। जिसमें की वाइट बैंड की frequencies का इस्तेमाल किया जाता है। सूचना के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्शन की सुविधा कोई भी प्रदान कर सकता है।
चाहे वह एक टेलीफोन कंपनी हो? या फिर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर या एक केबल कंपनी हो? यह सबसे तेज गति का नेटवर्क होता है। इसमें भारी मात्रा में सूचनाएं भेजने के लिए एक से अधिक डाटा चैनलों का उपयोग किया जाता है।
3.DSL कनेक्शन( DSL CONNECTION) – DSL
कनेक्शन की फुल फॉर्म है डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन(Digital Subscriber line) इस कनेक्शन में उपभोक्ता के घर उपलब्ध उद्योग तारों वाली टेलीफोन लाइन का इस्तेमाल किया जाता है इस व्यवस्था में उनका टेलीफोन लाइन का प्रयोग भी कर सकता है या कनेक्शन कई प्रकार का होता है।
DSL के प्रकार(types of digital subscriber line )
DSL कनेक्शन एक ब्रॉडबैंड कनेक्शन की तरह होती है जो इस तरह जुड़ी होती है। किसे सबसे पहले इंटरनेट कनेक्शन DSL से जुड़ा होता है, फिर उसके बाद राउटर से फिर उसके बाद ब्रॉडबैंड लाइन से फिर उसके बाद हमारे कंप्यूटर से जुड़े होते हैं। यह मुख्य दो प्रकार के होते हैं जिसे हम यहां पर आपको बता रहे हैं:
1.सिमेट्रिक(SDSL symmetric DSL) –
SDSL अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम फ्रीक्वेंसी को समभाव से अलग अलग करता है। यहां पर अपस्ट्रीम का मतलब होता है। अपलोड करने और डाउनस्ट्रीम का मतलब होता है। डाउनलोड करना। जिसके कारण अपलोडिंग और डाउनलोडिंग दोनों ही डाटा ट्रांसफर की गति समान ही रहती है। यह कनेक्शन 2 एमबीपीएस का अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम गति दे सकता है। इसका प्रयोग छोटे ऑर्गनाइजेशन द्वारा ज्यादा किया जाता है।
2.असिमिट्रिक DSL (ADSL Asymmetric DSL)
डाउनस्ट्रीम डाटा ट्रांसफर करने के लिए बड़े फ्रीक्वेंसी रेंज की सुविधा देता है। जिसके कारण डाउनलोडिंग की गति कई गुना बढ़ जाती है। ADSL कनेक्शन 20 mbps की डाउनस्ट्रीम और 1.5 mbps की अपस्ट्रीम गति से दे सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकतर यूजर डाटा को अपलोड करने से ज्यादा डाउनलोड ही करते हैं।
4.V – SAT
VSAT Very small aperture Terminal का संक्षिप्त रूप है इसे Geosynchronous satellite के रूप में वर्णन किया जा सकता है जो Geosynchronous satellite से जुड़ा होता है तथा दूर संचार एवं सूचना सेवाओं जैसे ऑडियो वीडियो ध्वनि द्वारा इत्यादि के लिए प्रयोग किया जाता है।
यह एक विशेष प्रकार का Ground station है जिसमें बहुत बड़े एंटीना होते हैं जिसके द्वारा VSAT के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है, Hub कहलाते हैं।
5.Wireless connection
Wireless वह कनेक्शन होता है। जिसमें केवल का प्रयोग नहीं किया जाता है। जैसे वाईफाई इसे चलाने के लिए किसी केबल की आवश्यकता नहीं होती है।
वाईफाई कनेक्शन के लिए केवल राउटर की आवश्यकता होती है इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है। कि यह हमेशा और लगता है।
6.USB Modem connection
इस कनेक्शन के लिए मॉडेम क्या सकता नहीं होती है USB device के माध्यम से यह कनेक्शन स्थापित किया जाता है। इसमें सिम कार्ड के द्वारा इंटरनेट कनेक्शन बनाया जाता है।
USB modem में सिम कार्ड लगाने के बाद कंप्यूटर से कनेक्ट करने पर नेट चालू हो जाता है। जैसे- Net sector एक USB modem है इसे कई कंपनी द्वारा बनाया गया है idea, Airtel, Tata Docomo, jio आदि।
7.Mobile connection
संचार क्रांति के दौर में अब हर आदमी के हाथों में इंटरनेट पहुंच चुका है इस का जरिया बना है मोबाइल फोन GSM 3G 4G जैसी नई तकनीकों के कारण अब हम मोबाइल टेबलेट पर आसानी से इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं।
इंटरनेट के लाभ या फायदे
दोस्तों यहां पर मैं आपको इंटरनेट के बहुत सारे फायदे बताने जा रहा हूं जिसे आप ध्यान से पढ़ते रहिए।
ऑनलाइन बिल का भुगतान
इंटरनेट की मदद से किसी भी चीज का भुगतान कर सकते हैं इंटरनेट पर हम डेबिट कार्ड की मदद से कुछ ही समय में dth, mobile, बिजली बिल इत्यादि का भुगतान कर सकते हैं। और ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं।
सूचना भेजना और प्राप्त करना
भले ही आप पर विश्व के किसी भी जगह में बैठे हो लेकिन आप इंटरनेट की मदद से किसी को भी मैसेज भेज सकते हो और मैसेज प्राप्त भी कर सकते हैं आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से वीडियो कॉल वॉइस कॉल ईमेल इत्यादि किसी व्यक्ति को भर सकते हैं।
ऑनलाइन ऑफिस का काम करना
कुछ ऐसी बड़ी कंपनियां हैं जो अपने कर्मचारियों के लिए घर बैठे काम देती है। इंटरनेट में कुछ ऐसी मार्केट है जहां पर लोग मोबाइल और लैपटॉप की मदद से काम कर रही है।
ऑनलाइन शॉपिंग करना
अब आप इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं आप बाजार में बिना गए और बिना मोल भाव किए सस्ते दामों में सामान आसानी से खरीद सकते हैं।
व्यापार को बढ़ावा
आज के जमाने में इंटरनेट लोगों के घर घर में जगह बना लिए हैं यदि आप चाहे तो इंटरनेट की मदद से अपने व्यापार को और बढ़ा सकते हैं विश्व की सभी बड़ी कंपनियां इंटरनेट की मदद से अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन कर रही है
ऑनलाइन नौकरी
अब नौकरी के लिए आवेदन और ढूंढना बहुत आसान हो गया है। आप किसी भी जॉब पोर्टल पर जाकर नौकरी के लिए आवेदन अप्लाई कर सकते हैं। और उनकी वेबसाइट में जाकर बार-बार नौकरी के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
Freelancing करके पैसे कमाना
इंटरनेट पर धीरे-धीरे फ्रीलांसर का बढ़ते जा रहे हैं जो freelancing करके बहुत अच्छे खासे पैसे कमा रहे हैं freelancing का मतलब होता है अपने कौशल को उपयोग करके पैसे कमाना।
आज इंटरनेट पर लाखों लोगो फ्रीलांसर, वेबसाइट बनाकर, online survey, affiliate marketing और ब्लॉकिंग, करके अच्छे खासे पैसे कमा रहे हैं।
मनोरंजन करना
आज हम इंटरनेट की मदद से खाली समय में गाना सुन सकते हैं वीडियो देख सकते हैं और दुनिया की सारी खबरें को जान सकते हैं और ऑनलाइन अपने दोस्तों यारों के साथ सोशल मीडिया में चैट कर सकते हैं
इंटरनेट के नुकसान या हानि
दोस्तों हर चीज के दो पहलू होते हैं उसी तरह इंटरनेट की भी दो पहलू हैं। एक पहलू जिसे मैं ऊपर में बता चुका हूं और दूसरे पहलू है। हानी जिसे मैं नीचे बताने वाला हूं जिसे आप ध्यान से पढ़ते रहिए।
समय की बर्बादी
जो लोग ऑफिस और अपने काम के लिए इंटरनेट लेते हैं उनके लिए तो बहुत ही अच्छा है परंतु जो लोग बिना मतलब के अपने लिए आदत बना लेते हैं और समय की बर्बादी करते हैं उनके लिए बहुत ही नुकसानदायक है हमें इंटरनेट को समय के अनुसार उपयोग करना चाहिए
इंटरनेट पैक भुगतान
हम सभी को पता है कि इंटरनेट फ्री नहीं होता है इंटरनेट का कनेक्शन हमें तभी लेना चाहिए जब इसकी हमें जरूरत हो आजकल सभी इंटरनेट प्रोवाइड करने वाली कंपनियां भारी मात्रा में इंटरनेट देने के लिए चार्ज लेती है यदि आपके ज्यादा काम नहीं है तो आप prepaid प्लान वाले इंटरनेट ले सकते हैं। इसकी मदद से आप जब चाहे रिचार्ज करवा सकते हैं
शोषण अश्लीलता और हिंसक छवियां
आजकल की इंटरनेट की स्पीड बहुत ही तेज है इसकी मदद से आजकल लोग अपने दुश्मन या किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में गलत प्रचार करके अनुचित लाभ उठाते हैं।
इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट हैं जिन पर अश्लील चीजें हैं जिनके कारण कम उम्र के बच्चों को गलत शिक्षा मिल रही है
पहचान की चोरी हैकिंग वायरस धोखाधड़ी
क्या आपको पता है? जिन वेबसाइट पर आप अपने अकाउंट रजिस्टर करते हैं उनमें से 50 से 60 परसेंट कंपनियां आपके निजी जानकारी को बेचते हैं या दुरुपयोग करते हैं। कुछ लोग इंटरनेट पर आपके अकाउंट को हैक कर लेते हैं।
हाल ही में विश्व भर में करोड़ों कंप्यूटरों का एक हुआ था जिसमें लाखों करोड़ों का नुकसान हुआ था। इंटरनेट की मदद से हमारे कंप्यूटर या अदर डिवाइस में वायरस आने का खतरा होता है। इसलिए आपके डिवाइस पर एक अच्छी एंटीवायरस का होना बहुत जरूरी है।
Email स्पैम और विज्ञापन
इंटरनेट की मदद से लोगों की निजी जानकारी और ईमेल को चुराकर झूठे email भेजती है। और लोगों को ठगते हैं या hack कर लेते हैं इसलिए आप उन जरूरी ईमेल को हीं रिप्लाई करें,
जिनका आपके लिए वास्तविकता में जरूरी हो। आप सीधे ईमेल से जाकर शॉपिंग ना करें आप हमेशा किसी बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट से ही शॉपिंग करें।
इंटरनेट की लत और बुरा स्वास्थ्य प्रभाव
दुनिया में शराब की लत हो या किसी और चीज गलत यह सभी स्वास्थ्य के लिए बुरा प्रभाव डालता ही है कई लोग ऐसे भी होते हैं जो इंटरनेट के बिना खाना खाते तक नहीं है
इंटरनेट से कई बुरे स्वास्थ्य प्रभाव डालते हैं जैसे वजन बढ़ना पैरों और आंखों में दर्द और सूखापन मानसिक तनाव कमर में दर्द आदि
Conclusion-
तो दोस्तों मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से internet kya hai? । और इंटरनेट किस तरह से काम करता है और इंटरनेट कैसे सभी देशों को जोड़ा है।
और इसके लाभ नुकसान इन तमाम जानकारी को एक साथ एक ब्लॉग में बताया हूं। दोस्तों आपको फिर भी आपको कोई डाउट होगा। तो आप कमेंट बॉक्स में हो सकते हैं।
मैं उसे इस पोस्ट के माध्यम से बताना चाहूंगा तो दोस्तों आपको या ब्लॉक पोस्टर कैसा लगा इसे भी आप कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं ताकि मुझे और मोटिवेशन मिले और
आप लोगों को ऐसी इंटरनेट से संबंधित जानकारी देता रहूं दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के लिए तहे दिल से धन्यवाद।
Internet kya hai?
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