RAM kya hota hai? और RAM कितने प्रकार के होते हैं? – जानिए संपूर्ण जानकारी

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Hello friends Greenhindi में आपका स्वागत है। आज हम बात करेंगे। RAM kya hota hai? और RAM कितने प्रकार के होते हैं? आज इस post के माध्यम से RAM की संपूर्ण जानकारी जानेंगे। तो चलिए दोस्तों RAM के बारे में जानते हैं।

जैसे कि दोस्तों आपने अपने आसपास किसी को कहते हुए जरूर सुना होगा। कि मेरे मोबाइल में या मेरे कंप्यूटर में 2GB रैम, 3GB रैम, 4GB रैम, 16GB राम, और इससे ज्यादा कहते हुए। इसीलिए आपके मन में जरूर सवाल आया होगा।

की रैम क्या होता है? और इसके प्रकार क्या होता है? इसीलिए आप तो गूगल में सर्च करके यहां पढ़ने के लिए आए हैं तो दोस्तों हम आपको RAM के बारे में पूरी जानकारी देंगे बस आपको इस आर्टिकल पर तक पढ़ते रहना है।

RAM kya hota hai

RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता है। इसे main memory और प्राथमिक मेमोरी भी कहते हैं। RAM में CPU द्वारा वर्तमान में किए जा रहे कार्यों का डाटा और निर्देश स्टोर रहते हैं।

यह मेमोरी CPU का भाग होती है। इसलिए इसका DATA direct access किया जा सकता है। इसे और भी नामों से जाना जाता है। जो Volatile memory, main memory, physical memory होता है।

RAN एक volatile memory मेमोरी होती है। इसलिए इसमें स्टोर data हमेशा के लिए store नहीं रहता है। जब तक RAM में पावर सप्लाई ON रहती है, तब तक डाटा रहता है। कंप्यूटर computer shut down होने पर RAM का सारा डाटा automatic डिलीट हो जाता है।

डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर चलाने के लिए अधिक RAM

की जरूरत होती है। आपने video mixing सॉफ्टवेयर का नाम तो जरूर सुना होगा।

जिसमें शादी और पार्टी के वीडियोस की मिक्सिंग की जाती है, या फिर solidworks, Maya 3D जिनसे drawing और घर की डिजाइनिंग के काम किए जाते हैं। इसके लिए 6GB से लेकर 8GB रैम होना चाहिए।

इससे कम होने से 1 घंटे का काम होने में 10 घंटे लग सकता है। जब भी आप मोबाइल चलाते हो, गेम खेलते हो, बहुत सारे एप्लीकेशन चलाते हो, तो उसके लिए इस space की जरूरत होती है, यह space RAM ही देती है।

RAM का इतिहास

RAM का नाम 1947 में विलियम्स ट्यूब के उपयोग से आया था।इसमें एक cathode Ray tube (कैथोड रे ट्यूब) का उपयोग किया गया था। डेटा को चेहरे पर विद्युत आवेशित स्पॉट के रूप में संग्रहीत किया गया था।

RAM का दूसरा व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला रूप चुंबकीय-कोर मेमोरी था, जिसका आविष्कार 1947 में किया गया था। फ्रेडरिक विहे को डिजाइन से संबंधित कई पेटेंट के लिए दायर किए गए अधिकांश कार्यों का श्रेय दिया जाता है।

चुंबकीय-कोर मेमोरी छोटे धातु के छल्ले और प्रत्येक रिंग से जुड़ने वाले तारों के उपयोग के माध्यम से काम करती है। प्रति रिंग में एक बिट डेटा संग्रहीत किया जा सकता है और किसी भी समय Access किया जा सकता है।

हालाँकि, RAM, जैसा कि हम आज जानते हैं, solider state memory के रूप में जानते हैं इसे पहली बार 1968 में रॉबर्ट डेनार्ड द्वारा आविष्कार किया गया था। विशेष रूप से Dynamic Random Access Memory या DRAM के रूप में जाना जाता है, transistor का उपयोग डेटा के बिट्स को स्टोर करने के लिए किया जाता था।

RAM टेक्नोलॉजी क्या है?

Types Times

1.Fpm(fast page mode) – 1990

2.EDO(Extended data o/p) – 1994

3.SDRAM( single Dynamic RAM) – 1996

4.RDRAM – 1998

5.DDR SDRAM – 2000

6.DDR2 SDRAM – 2003

7.DDR3 SDRAM – 2007

8.DDR4 SDRAM – 2012

मोबाइल में RAM का काम क्या है?

जब हम अपने फोन में या कंप्यूटर में एक साथ बहुत सारे एप्लीकेशन को खोलते हैं। और प्रयोग करते हैं तो आपने देखा होगा कि कौन धीमा काम करने लगता है। ऐसा इसलिए होता है। कि मोबाइल या कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी में स्पेस कम हो जाता है। जब एप्लीकेशन बंद करते हैं तो कुछ स्पेस खाली हो जाता है। और मेमोरी फिर से अच्छी स्पीड से चलने लगता है इसका मतलब आप समझ ही गए होंगे। कि अगर एक साथ ढेर सारे एप्स इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो आप के पास RAM ज्यादा होना चाहिए।

RAM ke prakar

1.SRAM :-

SRAM का पूरा नाम Static Random Access Memory होता है। जिसमें शब्द “static” बताता है। कि इस में डाटा स्थिर रहता है। और उसे बार-बार refresh करने की जरूरत नहीं पड़ती है। SEAM भी volatile मेमोरी होती है। इसलिए power on रहने तक इसमें डाटा मौजूद रहता है। पर power off होते ही सारा data अपने आप डिलीट हो जाता है। इस मेमोरी को कैसे cache memory के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

2.DRAM:-

DRAM का पूरा नाम Dynamic Random Access Memory होता है। जिसमें शब्द Dynamic का मतलब होता है। चलायमान अर्थात हमेशा परिवर्तित होते रहना। इसलिए इसको लगा तार refresh करना पड़ता है। तभी इसमें डाटा स्टोर किया जा सकता है। CPU कि मुख्य मेमोरी के रूप में DRAM का ही इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसमें से डाटा को Randomly प्राप्त किया जा सकता है। इसमें नया डाटा अपने आप स्टोर होता रहता है। जिसके कारण CPU की कार्य क्षमता तेज बनी रहती है। DRAM भी Volatile होती है। इसलिए इसमें भी डाटा पावर सप्लाई ऑन रहने तक ही स्टोर रहता है। आजकल कंप्यूटर से computer, smartphone, Tablet आदि उपकरणों में DRAM रैम का ही इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि यह SRAM से सस्ती होती है।

RAM का Advantages क्या है?

RAM का बहुत ही ज्यादा स्पीड होता है।

यह अस्थाई मेमोरी होता है जिसे volatile मेमोरी भी कहते हैं।

यह सेकेंडरी मेमोरी से ज्यादा तेज होता है।

कंप्यूटर में Fastest type का memory होता है।

यह बहुत ही कम पावर कंज्यूम करता है।

RAM का Disadvantages क्या है?

RAM कंप्यूटर के CPU cache से slower होती है।

यह ज्यादा costly होती है।

इसमें कम जगह होती है

कंप्यूटर की RAM कितनी होती है?

घर में चलने वाले पर्सनल कंप्यूटर में 4 से 6 जीबी रैम का इस्तेमाल आमतौर पर होता है। वही अगर बात करें एक प्रोफेशनल काम की तो उसमें 8GB से ऊपर के RAM का इस्तेमाल किया जाता है। ग्राफिक डिजाइनिंग महत्व 16 से 20 GB RAM का प्रयोग किया जाता है।

CONCLUSION

हेलो दोस्तों मैं आपको रंग RAM kya hai और RAM ke prakar को इस आर्टिकल के माध्यम से पूरे डिटेल में के साथ बताया हूं। तो मुझे उम्मीद है कि आपको RAM के बारे में समझ आ गया होगा। तो दोस्तों फिर भी यदि आपके मन में कुछ भी सवाल होगा। तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। और यदि आपको यह article अच्छा लगा होगा। तो अपने दोस्तों और दूसरों के साथ शेयर करें।

धन्यवाद पढ़ने के लिए!RAM kya bai


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