संक्षारण, एक महत्वपूर्ण शिक्षा संवाद का हिस्सा है जो मानवता को ज्ञान की ऊँचाइयों तक पहुँचाने का माध्यम होता है। यह एक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति को विभिन्न ज्ञान और
कौशलों का संचय करने और समझने का अवसर प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया से व्यक्ति का मानसिक और आत्मिक विकास होता है, जिससे वह समाज में सफलता प्राप्त कर सकता है।
संक्षारण किसे कहते हैं?
जब धात्विक नमी और वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन और अन्य गैसों से क्रिया करके धातु ऑक्साइड धातु कार्बोनेट धातु सल्फाइड जैसे योग बनते हैं तो धात्विक संचारित अर्थात नष्ट होने शुरू हो जाती है धातु के नष्ट होने की इसी प्रक्रिया को संरक्षण कहते हैं।
जंग की परिभाषा
अधिक समय तक खुली तथा नाम वायु में रहने पर लोहे की सतह पर छोटे-छोटे लाल भूरे रंग की परत आ जाती है जिससे हम लोग भी जंग के नाम से जानते हैं और इस जंग कहते हैं।
जंग लगने की रासायनिक अभिक्रिया
दोस्तों जब कोई भी लोहे की वस्तु जल के संपर्क में या आद्रता के संपर्क में आता है तो लोहे पर एक अभिक्रिया करके परत जम जाती है जिसे जंग के नाम से यहां पर देखा जा सकता है।
लोहा (Fe) + ऑक्सीजन (O2)+जल H2O→जंग (Fe2O3)
संक्षारण के कुछ उदाहरण
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दोस्तों अपने अपने घर या आसपास के लोहे पर पानी के कारण जंग लगाते हुए देखा ही होगा उसे संक्षारण प्रक्रिया के नाम से जानते हैं, चांदी का कालापन हो जाना इत्यादि संक्षारण के ही उदाहरण होते हैं।
संक्षारण रोकने के उपाय क्या-क्या है?
1. पेट के द्वारा से
लोहा जैसे धातुओं को पेंट करके संरक्षण से होने वाली प्रक्रिया से बचाया जा सकता है।
2.तेल अथवा ग्रीस लगाना
धातुओं की परत पर तीन अथवा ग्रीस लगाकर संक्षारण को बचाया जा सकता है।
3. यशदलेपन
इस संक्षारण की प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं के ऊपर जिंक की पतली परत चढ़ाई जाती है इस कारण से लोहे की वस्तुओं पर जंग नहीं लगता है अर्थात दुखी का संक्षारण रुक जाता है।
संरक्षण को प्रभावित करने वाले कारक
यहां पर आपको निम्नलिखित अलग-अलग तरह से संरक्षण को प्रभावित करने वाले कारक दिया गया है:
1. धातु की प्रकृति: किसी धातु की क्रियाशीलता जितनी अधिक होगी वह इतनी ही अधिक शीघ्रता से संक्षारण करेगी।
2. माध्यम का PH मान
धातु का संरक्षण माध्यम की PH मान पर निर्भर करता है चरिया माध्यम के कारण संरक्षण धीमी गति से होता है जबकि PH मान में कमी होने पर संरक्षण की दर बढ़ने लगती है।
3. वायुमंडल की प्रकृति
वातावरण में उपस्थित नमी, ऑक्सीजन (O2), कार्बन डाइऑक्साइड(Co2), सल्फर डाइऑक्साइड(So2) इत्यादि संक्षारण की क्रिया को और अधिक बढ़ावा देते हैं।
4. धातु में अशुद्धियां
धातु में उपस्थित अशुद्धियों के कारण भी संक्षारण की दर को बढ़ा देती है।